हिमाचल में लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने पर जयराम ठाकुर ने कहा, कांग्रेस का दोहरा चरित्र आया सामने

शिमला, 29 अगस्त . हिमाचल प्रदेश सरकार ने लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल कर दी है. विधानसभा में इसको लेकर एक बिल भी पास हो गया है. इस पर अब पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इस मामले में दोहरा चरित्र सामने आया है.

जयराम ठाकुर ने इस संबंध में पत्रकारों से बातचीत में कहा, “जब केंद्र की मोदी सरकार इस संबंध में बिल लेकर आई थी तो कांग्रेस ने इसका विरोध किया था. लेकिन अब हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने खुद इस बिल को अपने यहां पारित करवाया है.”

उन्होंने आगे सवालिया लहजे में कहा, “हिमाचल प्रदेश सरकार इस संबंध में बिल लेकर आई, लेकिन हमने इसका विरोध नहीं किया. आप सबको पता होगा कि 2021 में केंद्र सरकार जब यह बिल लेकर आई थी तो दिलचस्प बात यह है कि उस वक्त कांग्रेस ने इसका विरोध किया था. जिस वजह से इसके आगे की कार्रवाई अभी रुकी हुई है.”

उन्होंने आगे कहा, “उस वक्त भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी यही मंशा थी कि 21 साल की आयु में बेटी परिपक्व होती है. इस उम्र तक वो अपनी पढ़ाई पूरी कर चुकी होती है. इसके बाद अगर अपने पांव पर खड़ी होकर बेटी की शादी हो तो उसका लाभ रहेगा. इसी सोच के साथ हमने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के द्वारा लाए गए इस बिल का भी समर्थन किया है. बात यह है कि कांग्रेस ने दिल्ली में इसका विरोध किया था, लेकिन हिमाचल प्रदेश में बिल लेकर आई, जो कि अपने आप में कई तरह के सवाल खड़े करता है. ये कांग्रेस का दोहरा रवैया नहीं तो और क्या है.”

उन्होंने कहा, “हमने तो तभी इस बिल का समर्थन किया और आज भी इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के मौजूदा रुख से यह साफ जाहिर हो चुका है कि यह उसका दोहरा चरित्र है.”

जो बिल पास किया गया है उसका नाम बाल विवाह प्रतिषेध (संशोधन विधेयक 2024) है. मुख्यमंत्री सुखविंदर ने कहा कि इस बिल के पारित होने से लड़कियों को आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे. अभी भी कुछ लोग लड़कियों की छोटी उम्र में शादी कर देते हैं. इससे बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते और जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते. कांग्रेस महिलाओं के प्रति संवेदनशील है और महिलाओं को आगे बढ़ने के मौके दे रही है.

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