कंगना रनौत के बयान पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला  को संज्ञान लेना चाहिए :  कांग्रेस

झज्जर, 27 अगस्त .  भाजपा सांसद कंगना रनौत के किसान आंदोलन और बांग्लादेश की घटना पर दिया बयान पर हंगामा मचा हुआ है. तमाम राजनीतिक दलों के नेता इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इस पर कहा कि कंगना रनौत के बयान पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को संज्ञान लेना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कंगना रनौत को हम गंभीरता से नहीं लेते हैं. हम उन के ऊपर कोई टिप्पणी भी नहीं करते थे, क्योंकि वो फिल्मों में थी. अब वो चुनाव जीतकर लोकसभा में आ गई हैं. मैं समझता हूं कि किसी भी सांसद का इस तरह का बयान देना हर प्रकार से निंदनीय है.

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि यह बात सही है कि नीति-नियमों के तहत संसद के अंदर के बयानों पर ज्यादा कार्रवाई की जाती है. फिर भी मैं मानता हूं कि यह बहुत गैर जिम्मेदाराना बयान है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ”जो बांग्लादेश में हुआ है वो यहां (भारत में) होते हुए भी देर नहीं लगती अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व सशक्त नहीं होता. यहां पर जो किसान आंदोलन हुए, वहां पर लाशें लटकी थीं, वहां रेप हो रहे थे. किसानों की बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ. चीन, अमेरिका जैसी विदेशी शक्तियां यहां भी काम कर रही थी.”

वहीं भाजपा ने कंगना रनौत के इस बयान से खुद को अलग कर लिया. भाजपा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भाजपा सांसद कंगना रनौत का किसान आंदोलन पर दिया गया बयान पार्टी का मत नहीं है. भाजपा ने कंगना को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि वे इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें.

इस दौरान कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भाजपा की हरियाणा विधानसभा चुनाव को आगे बढ़ाने की अपील पर हमला किया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने छुट्टी का बहाना लेकर प्रदेश की जनता से भयभीत होकर चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी थी. इसके बाद इनेलो ने भी चिट्ठी भेज दी थी, वो बिना मांगे भाजपा को समर्थन देते हैं.

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर विधानसभा चुनाव की तारीख बदलने की मांग की थी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने पत्र में लिखा कि 28 सितंबर को शनिवार और 29 सितंबर को रविवार है. इसके बाद 1 अक्टूबर को मतदान और 2 अक्टूबर को गांधी जयंती होगी. वहीं, 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है. यानी लगभग एक सप्ताह का लंबा अवकाश हो जाएगा.

एसएम/जीकेटी