झारखंड हाई कोर्ट ने पूछा, ‘मंदिरों और शिक्षण संस्थानों के पास खुली शराब दुकानों के लाइसेंस कब रद्द होंगे?’

रांची, 27 अगस्त . झारखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार से पूछा है कि राज्य में शिक्षणों संस्थानों और मंदिरों के पास जितनी शराब दुकानें और बार खुले हैं, उन्हें बंद कराने और उनका लाइसेंस रद्द करने के लिए वह क्या कार्रवाई कर रही है? इसके लिए सरकार ने कोई तारीख तय की है या नहीं?

ड्रग्स के अलावा अफीम, चरस, गांजा जैसे मादक पदार्थों के अवैध कारोबार पर रोक के लिए स्वतः संज्ञान के आधार पर दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार से मौखिक तौर पर कई सवाल पूछे.

इस मामले में पूर्व में हाईकोर्ट की ओर से दिए गए निर्देश के अनुसार पुलिस ने बार एवं रेस्टोरेंट के संचालन को लेकर तैयार एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया. इस पर अदालत ने कहा कि पुलिस ने भविष्य में राजधानी रांची में मंदिर एवं शैक्षणिक संस्थाओं के निकट खुदरा शराब दुकान एवं बार-रेस्टोरेंट को लाइसेंस नहीं देने की बात कही है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ऐसे स्थानों पर खुली शराब दुकानों को बंद कराने के लिए क्या कार्रवाई होगी? अदालत ने कहा कि पुलिस को ध्यान रखना चाहिए कि एसओपी केवल खानापूर्ति के लिए दाखिल न किया जाए. बार एवं रेस्टोरेंट में मारपीट से लेकर हत्या तक की जो घटनाएं सामने आई हैं, वह चिंता का विषय है. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बार एवं रेस्टोरेंट निर्धारित समय पर बंद हों.

सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी ने पुलिस को एसओपी पर पक्ष रखने के लिए समय देने का आग्रह किया, जिसे मंजूर करते हुए अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 29 अगस्त तय की है.

एसएनसी/एकेजे