नई दिल्ली, 26 अगस्त . दुनियाभर में तेजी से फैल रहे एमपॉक्स वायरस (मंकीपॉक्स) के मामले को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक रणनीति तैयार की है.
14 अगस्त को डब्ल्यूएचओ महानिदेशक द्वारा इस मामले में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किए जाने के बाद अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तेजी से फैल रहे एमपॉक्स वायरस (मंकीपॉक्स) के प्रकोप को रोकने के लिए एक रणनीति तैयार की है.
इसका उद्देश्य समन्वित वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय प्रयासों के माध्यम से एमपॉक्स के प्रकोप को रोकना है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा एमपॉक्स के प्रकोप को रोकने के लिए बनाई गई योजना सितंबर 2024 से फरवरी 2025 तक की अवधि के लिए है. इसके लिए डब्ल्यूएचओ और अन्य संगठनों को एमपॉक्स के प्रकोप से निपटने के लिए 135 मिलियन अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता होगी.
डब्ल्यूएचओ द्वारा बनाई गई इस योजना में एमपॉक्स के प्रकोप की निगरानी और रोकथाम के लिए व्यापक रणनीतियों को लागू करना, निष्पक्ष तरीके से चिकित्सा उपायों परीक्षण और टीकों तक पहुंच बढ़ाने के लिए शोध करना, जानवरों से मनुष्यों में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए प्रयास शामिल हैं.
इसके साथ ही टीकाकरण के मामले में स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. साथ ही वैश्विक स्तर पर प्रभावित देशों में सबसे अधिक जोखिम वाले समूहों के लिए टीकाकरण की ओर ध्यान दिया जाएगा.
डब्ल्यूएचओ तैयारी, तत्परता और प्रतिक्रिया के क्षेत्रों में समन्वय बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय संगठनों और नेटवर्क के साथ काम कर रहा है. इसमें एएसीटी-एक्सेलेरेटर प्रिंसिपल्स ग्रुप के साथ जुड़ाव, स्वास्थ्य आपातकाल रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया की स्थायी समिति, महामारी के लिए आर एंड डी ब्लूप्रिंट, अंतरिम मेडिकल काउंटर मेजर्स नेटवर्क (आई-एमसीएम नेट) शामिल हैं.
डब्ल्यूएचओ आर एंड डी ब्लूप्रिंट, अफ्रीका सीडीसी, महामारी तैयारी नवाचार गठबंधन (सेपी), और राष्ट्रीय एलर्जी और संक्रामक रोग संस्थान, 29-30 अगस्त 2024 को एक आभासी वैज्ञानिक सम्मेलन आयोजित करेगा. इसमें एमपॉक्स पर शोध कर रहे वैज्ञानिक इसे नियंत्रित करने पर चर्चा करेंगे.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडहानोम गेब्रियेसस ने कहा, ”डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और आसपास के देशों में एमपॉक्स के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और राष्ट्रीय व स्थानीय भागीदारों, नागरिक समाज, शोधकर्ताओं और निर्माताओं व हमारे सदस्य देशों के बीच एक व्यापक और समन्वित कार्य योजना की आवश्यकता है.”
गौरतलब है कि एमपॉक्स एक वायरल जूलॉजिकल बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है. वर्तमान में 14 अफ्रीकी देशों में इसका प्रकोप है.
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एमकेएस/