देशभक्ति की अनूठी मिसाल, अपनी कला के जरिए शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं हुतांश वर्मा

नई दिल्ली, 26 अगस्त . देश की सेवा करने के लिए सेना की वर्दी पहनना जरूरी नहीं है. देश सेवा के लिए देशभक्ति की भावना मायने रखती है. जैसी हुतांश वर्मा में है. हुतांश वर्मा अपनी कूची के माध्यम से कैनवास पर देशभक्ति के रंग भरते हैं.

से बात करते हुए हुतांश वर्मा बताते हैं, “मेरे पिता समाचार देख रहे थे और मैं बैठकर पेंटिंग बना रहा था. अचानक खबर आई कि देश का एक जवान कश्मीर में शहीद हो गया.” यह वाक्य कोई साधारण वाक्य नहीं है, बल्कि यही वाक्य है जिसने नोएडा के कलाकार हुतांश वर्मा को शहीद सैनिकों की तस्वीरें बनाकर उनके परिवारों को भेंट करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा, “मैंने अपने पिता की सलाह पर इसकी शुरूआत की.”

हुतांश वर्मा ने इस पेंटिंग की शुरुआत कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की पेंटिंग बनाकर की थी. 2015 में पहली बार “कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन विजयंत थापर” का चित्र बनाया और शहीद के परिवार को भेंट किया. बताते हैं, उनके लिए चित्र बनाने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण था शहीद के घर जाकर उन्हें चित्र भेंट करना. हुतांश वर्मा के पिता की 2014 में अचानक मृत्यु हो गई थी और उनकी याद में ही उन्होंने यह कार्य करने का दृढ़ निश्चय किया.

हुतांश ने इस काम की शुरुआत ऐसे ही की थी लेकिन जब वह शहीदों के परिजनों से मिले तो उन्हें और प्रेरणा मिली जिसके बाद हुतांश ने अब तक कुल 167 शहीद जवानों के चित्र बनाकर अपना नाम “वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2023” में दर्ज करा लिया है. “काम करो तो देश के लिए करो” कहते हुए हुतांश ने अपनी कला से देश के लिए कुछ करने और देश के लिए अपना योगदान देने की ठानी है.

हुतांश अपने विचारों पर अडिग हैं. कहते हैं, “जब तक मैं जीवित हूँ, मैं वीर शहीदों की पेंटिंग बनाकर उनके परिवारों को उपहार देने का प्रयास करता रहूंगा. लेकिन मैं नहीं चाहता हूं कि मुझे भविष्य में ऐसा करना पड़े, न तो सैनिक शहीद हों और न ही मुझे उनकी पेंटिंग बनानी पड़े.” इतना ही नहीं हुतांश को सेना के अधिकारियों और देश के कई बड़े अभिनेताओं द्वारा कई बार सम्मानित किया जा चुका है. साथ ही उन्हें अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए दुबई और फ्रांस तक जाने का मौका मिला है और जहां उन्होंने अपनी पेंटिंग्स प्रदर्शित भी की हैं.

पेंटिंग बनाने के अलावा हुतांश नोएडा स्थित एक इंटरनेशनल स्कूल में पेंटिंग टीचर हैं. उनके कई छात्र पेंटिंग में राज्य स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं. वह सेना के लिए भी काम करते हैं.

आरके/केआर