तेलंगाना में पत्रकारों पर हमला, विरोध में राहुल गांधी के आवास पर हुआ प्रदर्शन

नई दिल्ली, 26 अगस्त . लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के दिल्ली स्थित आवास पर तेलंगाना के पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया. हाथ में तख्ती लेकर उन्होंने तेलंगाना में पत्रकारों की सुरक्षा की गुहार लगाई.

बता दें कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के गृहनगर कोंडारेड्डीपल्ली में रिपोर्टिंग करने गई महिला पत्रकार पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमला किया. महिला पत्रकार ने आपबीती अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स से शेयर की है.

पोस्ट में लिखा, सीएम रेवंत रेड्डी के गृहनगर कोंडारेड्डीपल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुझ पर और मेरी साथी पत्रकार पर तब हमला किया जब हम कृषि ऋण माफी के क्रियान्वयन पर रिपोर्टिंग कर रहे थे. हमारा कैमरा तोड़ दिया गया, फोन छीन लिए गए और हमें कीचड़ में धकेल दिया गया. महिला पत्रकार ने अपने पोस्ट में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को टैग किया.

साथ में कहा कि वे तेलंगाना की चिंताजनक वास्तविकता को पहचानें. मैं यह भी उम्मीद करती हूं कि भारतीय प्रेस परिषद तेलंगाना में महिला पत्रकारों पर हुए इस हमले को गंभीरता से लेगी.

उन्होंने अपने दूसरे पोस्ट में कांग्रेस कार्यकर्ता की कुछ तस्वीरें शेयर की. जिन्होंने तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी के गृहनगर कोंडारेड्डीपल्ली में उनके साथ मारपीट की और धमकाया.

इस पूरे मामले पर भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, कांग्रेस शासित तेलंगाना में और क्या उम्मीद की जा सकती है. राहुल गांधी खुद मीडिया के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार करते हैं, कांग्रेस के बीट रिपोर्टरों को भाजपा के एजेंट कहते हैं, क्योंकि वे पूरी तरह से वैध सवाल पूछते हैं. हैरानी की बात है कि पीसीआई या आईडब्ल्यूपीसी की ओर से अपने तेलंगाना सहयोगियों के समर्थन में कोई बयान नहीं आया.

तेलंगाना में महिला पत्रकार पर हुए हमले को लेकर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रिया आ रही हैं. एक यूजर ने पोस्ट करते हुए लिखा, सुबह-सुबह रेवंत रेड्डी के पैतृक गांव में कर्जमाफी पर स्टोरी कवर करने गई महिला पत्रकारों पर हमला किया गया. अब देखिए कि शिकायत दर्ज कराने जा रही उन्हीं पत्रकारों को गुंडों द्वारा कैसे दौड़ाया जा रहा है. यह तेलंगाना में कानून-व्यवस्था का सरासर मजाक है. गाड़ी का नंबर और उसमें बैठे लोगों के चेहरे साफ दिखाई दे रहे हैं. कार्रवाई के लिए और क्या चाहिए.

दूसरे यूजर ने लिखा, मुझे इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. पत्रकारों को मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला अधिकार आयोग में जाना चाहिए. तभी पत्रकारों पर हमला करने वाले गुंडों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई होगी.

डीकेएम/केआर