नई दिल्ली, 25 अगस्त . यूपीएस को लेकर एआईआरएफ के महासचिव और जेसीएम सचिव (कर्मचारी पक्ष) शिव गोपाल मिश्रा ने समाचार एजेंसी से खास बातचीत की.
केंद्र की मोदी सरकार ने 24 अगस्त को सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस (यूनीफाइड पेंशन स्कीम) के तहत पेंशन देने का ऐलान किया. इसको लेकर शिव गोपाल मिश्रा ने कहा, सिर्फ रेल कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि 23 केंद्रीय कर्मचारियों को यूपीएस का लाभ मिलेगा. इसमें आठ लाख रेल कर्मचारी भी शामिल हैं.
पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना में मूल अंतर ये है कि ओपीएस नॉन कॉन्ट्रीब्यूट्री थी और एनपीएस कॉन्ट्रीब्यूट्री है. इसमें 10 प्रतिशत कर्मचारी का भी कटेगा, ये पहले भी कटता था, लेकिन वो ब्यास के साथ रिटर्न हो जाता था.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने नीति बदली है और जिस तरीके से नीति बदली है, उससे तमाम लोगों को संतोष है कि कम से कम उनको रिटायरमेंट के समय पैसे मांगने के लिए मजबूर नहीं होंगे और किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा. पेंशन के जरिए वो अपना गुजारा कर लेंगे.
शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि इसके पहले दी जा रही पेंशन सरकारी कर्मचारियों के हित में नहीं थी. इसमें लोगों को पेंशन के नाम पर 800,1200 और 1500 रुपए दिए जा रहे थे.
लेकिन अब कर्मचारियों के सुनिश्चित पेंशन दिया जाएगा. उनको महंगाई राहत भी दिया जाएगा. ओपीएस में लाए गए प्रावधान कर्मचारियों को राहत देने वाले हैं.
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात हुई. उन्होंने विकसित भारत के संकल्प को दोहराया. हमने भी इस लक्ष्य को पाने में कर्मचारियों के पूर्ण सहयोग की बात कही है.
बता दें कि इस योजना से केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा. राज्य सरकारों को एकीकृत पेंशन योजना चुनने का विकल्प भी दिया जाएगा. यदि राज्य सरकारें यूपीएस का विकल्प चुनती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख होगी. सरकार के मुताबिक एरियर पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. पहले वर्ष में वार्षिक लागत वृद्धि लगभग 6,250 करोड़ रुपये होगी. यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी.
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प दिया जाएगा. केंद्र सरकार के एनपीएस ग्राहकों को यूपीएस पर स्विच करने का विकल्प भी दिया जाएगा.
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