पीएलआई स्कीम से भारत में स्थानीय ईवी मैन्युफैक्चरिंग को मिल रहा बढ़ावा

नई दिल्ली, 25 अगस्त . घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का विनिर्माण बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार 25,938 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इनिशिएटिव (पीएलआई) स्कीम चला रही है. इस स्कीम का असर उद्योग पर भी देखने को मिला है.

केंद्र सरकार ने ईवी सेक्टर में पीएलआई स्कीम के तहत ऑटो कंपनियों से आए 74 में से 50 आवेदनों को मंजूरी दे दी है. वहीं, 24 आवेदनों को समीक्षा के लिए रखा गया है.

पीएलआई स्कीम के तहत मंजूर किए गए आवेदनों से ईवी सेक्टर में कुल 17,896 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. वहीं, (31 मार्च 2024 तक) कुल बिक्री का आंकड़ा 3,370 करोड़ रुपये को पार कर गया है.

पीएलआई स्कीम के तहत ऑटो कंपनियां ईवी की वार्षिक बिक्री के आधार पर 13 से 15 प्रतिशत की सरकारी सहायता ले सकती हैं. इससे कंपनियों को नई टेक्नोलॉजी होने के कारण उच्च लागत को कम करने में मदद मिलती है.

सरकार की ओर से लगातार कहा गया है कि वह देश में एडवांस ईवी इकोसिस्टम और स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है.

सरकार की ओर से ईवी इकोसिस्टम बढ़ाने के लिए कई अन्य स्कीम जैसे एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी) के लिए 18,100 करोड़ रुपये की पीएलआई, 778 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं.

केंद्रीय भारी उद्योग और स्टील मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने पिछले सप्ताह कहा था कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा पीएलआई, फेम, ईएमपीएस और एडवांस कैपिटल गुड्स स्कीम जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं.

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों बिक्री की संख्या ने पिछले महीने एक लाख के आंकड़े को पार किया था. वहीं, इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों का आंकड़ा 63 हजार को पार कर गया था.

केंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में देश में ईवी वाहनों के पंजीकरण में 42.06 प्रतिशत का इजाफा हुआ था.

एबीएस/एकेजे