मार्केट आउटलुक: ब्याज दरों में कटौती, एफआईआई समेत यह फैक्टर अगले हफ्ते बाजार के लिए होंगे अहम

मुंबई, 25 अगस्त . भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी शानदार रहा. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने 0.81 प्रतिशत और 1.15 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को दिया है. यह लगातार दूसरा हफ्ता था, जब बाजार सकारात्मक बंद हुए हैं. बीते हफ्ते विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा 1,608.89 करोड़ रुपये की कैश में बिकवाली की गई है.

वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) द्वारा 13,020.29 करोड़ रुपये की खरीदारी की गई थी. आने वाले में बाजार का आउटलुक कई वैश्विक और घरेलू फैक्टर्स पर निर्भर करेगा.

वैश्विक स्तर पर अमेरिकी फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की ओर से ब्याज दरों में कमी के संकेत दिए गए हैं. हालांकि, इसकी टाइमलाइन पर कोई खुलासा नहीं किया गया है. इसका असर आने वाले हफ्ते में भारत के साथ-साथ वैश्विक बाजारों पर देखने को मिल सकता है. इसके अलावा अमेरिकी और जापान द्वारा अहम आर्थिक आंकड़े जारी किए जाएंगे, जिन पर निवेशकों की निगाहें होंगी.

घरेलू स्तर पर विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की ओर से किए जाने वाले कारोबार पर निवेशकों की निगाहें होंगी. इसके अलावा कच्चे तेल की चाल का भी असर भारतीय बाजारों पर देखने को मिल सकता है. मास्टर कैपिटल सर्विसेज की डायरेक्टर पलक अरोड़ा चोपड़ा का कहना है कि निफ्टी का प्रदर्शन बीते हफ्ते काफी अच्छा रहा है और साप्ताहिक चार्ट पर अपने ऑल-टाइम हाई के करीब आकर बंद हुआ है.

चार्ट स्ट्रक्चर काफी मजबूत है, जो दिखाता है अगर यह 24,900 के ऊपर जाता है तो 25,100 और 25,400 के ऊपर जा सकता है. वहीं, 24,350 एक अहम सपोर्ट होगा. स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड में वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर का कहना है कि बैंक निफ्टी 100 दिन के मूविंग एवरेज के पास एक मजबूत बेस बना चुका है और 20 दिन के मूविंग एवरेज के ऊपर कारोबार कर रहा है.

51,100 से लेकर 51,500 एक महत्वपूर्ण सप्लाई जोन है. 51,500 के ऊपर निकलता है और यह ब्रेकआउट होगा और 50,500 के नीचे जाने पर ट्रेंड बदल जाएगा. वहीं, बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि फेड से ब्याज दरों में कमी के संकेत के बाद अन्य केंद्रीय बैंकों से आने वाली कमेंट्री बाजार की दिशा तय करेगी.

एबीएस/केआर