रायपुर, 24 अगस्त . केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित एक उच्च स्तरीय अंतरराज्यीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर चुनाव पर कांग्रेस के नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन पर राहुल गांधी को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी तो यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह नेशनल कॉन्फ्रेंस के एजेंडे से सहमत हैं या नहीं.
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी इस बात की घोषणा करें कि वह नेशनल कॉन्फ्रेंस के एजेंडे से सहमत हैं या नहीं. नेशनल कॉन्फ्रेंस का एजेंडा क्या है? उनका कहना है कि पहले की तरह कश्मीर का अलग ध्वज बनेगा, क्या कांग्रेस इससे सहमत है? 370 को वापस लागू करने की बात कही गई है, क्या कांग्रेस इससे सहमत है? इन्होंने कहा है कि एससी, एसटी और ओबीसी को जो रिजर्वेशन मिला है, उस पर हम फिर से विचार करेंगे. जम्मू कश्मीर से एससी, एसटी और ओबीसी के रिजर्वेशन को खत्म करने की जो बात है उससे कांग्रेस और राहुल गांधी सहमत हैं या नहीं?
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने ओबीसी के आरक्षण को सालों तक लटका कर रखा था. यह जरूरी है कि कांग्रेस और राहुल गांधी इन सब बातों पर अपना रुख स्पष्ट करें. इसलिए मैंने कांग्रेस से शुक्रवार को दस सवाल पूछे थे.”
वहीं, आर्टिकल 370 को लेकर उन्होंने कहा कि देश और जम्मू कश्मीर में 370 का अब कोई स्थान नहीं है. न आज है और न कभी भविष्य में होगा.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को अमित शाह ने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के गठबंधन पर निशाना साधते हुए कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से 10 सवाल पूछे थे. उन्होंने पूछा था, “क्या कांग्रेस ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है? क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी अनुच्छेद 370 और 35ए को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के ‘जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस’ के निर्णय का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?”
केंद्रीय गृह मंत्री ने सवाल किया था, “क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पाकिस्तान के साथ ‘एलओसी ट्रेड’ शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय से फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद और उसके इकोसिस्टम का पोषण करने का समर्थन करते हैं? क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है?
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पीएसके/एएस