जम्मू, 24 अगस्त . जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद तमाम दलों के नेताओं की ओर से सियासी बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है.
पीडीपी घोषणापत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के घोषणापत्र का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काना है. नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस चाहती हैं कि जम्मू-कश्मीर में बम, बंदूक, गोली और ग्रेनेड की आवाजें गूंजती रहें और उन्होंने हमेशा इस पर राजनीति की है.
उन्होंने आगे कहा कि अब, जब जम्मू-कश्मीर शांति की ओर बढ़ रहा है, वहां कोई पथराव नहीं हो रहा, कोई हड़ताल नहीं हो रहा, समाज के सभी वर्ग हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सौहार्दपूर्वक एक साथ रह रहे हैं, तो शायद यही बात नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस को असहज कर रही है.
उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे जम्मू-कश्मीर बदलाव की ओर बढ़ रहा है, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस को अब आतंकवादियों और उपद्रवियों का एजेंडा याद आ रहा है. इन तीन दलों के पास जम्मू-कश्मीर के विकास को लेकर कोई एजेंडा नहीं है. जनता ऐसे लोगों को इस बार नकराने वाली है. इनकी सरकार में अलगाववादियों और आतंकवादियों का तांडव होता था, लेकिन आज राज्य में अमन, शांति, भाईचारा कायम है. सरकार में रहने के दौरान इन्होंने लोगों को सताया. ये दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि वैसे लोगों को आज घोषणापत्र की याद आ रही हैं.”
मालूम हो कि, चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की है. 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा. मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी.
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं. यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है. जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है.
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एकेएस/एएस