रूस और यूक्रेन के बीच युद्धबंदियों का आदान-प्रदान, 230 पहुंचे वापस अपने-अपने वतन

मॉस्को, 24 अगस्त . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पौलेंड और यूक्रेन के दौरे पर गए थे. उनकी वतन वापसी हो गई है. इससे पहले यूक्रेन में पीएम मोदी ने साफ कह दिया था वह युद्ध के पक्षधर नहीं हैं और शांति का संदेश लेकर आए हैं. पीएम मोदी ने यहां तक कह दिया था कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति की आंख में आंख डालकर कहा था कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता, ऐसे में आमने-सामने बैठकर संवाद के जरिए ही इसका हल निकालना बेहतर होगा. इसके बाद अब खबर आई है कि युद्ध में उलझे रूस और यूक्रेन ने युद्धबंदियों के आदान-प्रदान का फैसला किया है और दोनों ही देशों के 230 युद्धबंदी अपने-अपने वतन वापस पहुंच गए हैं.

वैसे खबर आ रही है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्धबंदियों का सफलतापूर्वक आदान-प्रदान संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की मध्यस्थता के बाद हुआ है.

एक बयान में रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा, “दोनों देशों के बातचीत के परिणामस्वरूप, कुर्स्क क्षेत्र में पकड़े गए 115 रूसी सैनिकों को कीव शासन द्वारा नियंत्रित क्षेत्र से वापस कर दिया गया है. बदले में, यूक्रेनी सशस्त्र बलों के 115 युद्धबंदियों को स्थानांतरित कर दिया गया.”

इसमें उल्लेख किया गया है कि वर्तमान में, सभी रूसी सैनिक बेलारूस के क्षेत्र में हैं, जहां उन्हें “आवश्यक मनोवैज्ञानिक और चिकित्सा सहायता” मिल रही है, साथ ही अपने रिश्तेदारों से संपर्क करने का अवसर भी मिल रहा है.

मंत्रालय ने कहा, “सभी रिहा किए गए सैनिकों को रूसी रक्षा मंत्रालय के चिकित्सा संस्थानों में इलाज और पुनर्वास के लिए रूसी संघ में पहुंचाया जाएगा. संयुक्त अरब अमीरात ने कैद से रूसी सैनिकों की वापसी के दौरान मानवीय मध्यस्थता के प्रयास किए.”

यह आदान-प्रदान तब हुआ जब यूक्रेन की स्वतंत्रता की 33वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है.

यूएई के विदेश मंत्रालय ने भी पिछली बार छोड़े गए युद्धबंदियों के आदान-प्रदान के एक महीने से भी कम समय बाद दोनों देश के द्वारा एक बार फिर उसकी मध्यस्थता प्रयासों में सहयोग के लिए रूसी और यूक्रेनी सरकारों की सराहना की.

इसमें कहा गया है कि यूएई के द्वारा दोनों देशों के बीच किए गए मध्यस्थता प्रयासों के माध्यम से बदले गए बंदियों की कुल संख्या 1,788 तक पहुंच गई है. यूएई मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि नई मध्यस्थता की सफलता, इस साल की शुरुआत के बाद से सातवीं बार संभव हो पाया है. इसके पीछे की वजह यूएई का दोनों पक्षों के साथ मजबूत संबंध और साझेदारी है.

यूएई विदेश मंत्रालय ने कहा “ये प्रयास दोनों देशों के बीच संकट को हल करने के लिए कूटनीति का समर्थन करने वाले एक विश्वसनीय मध्यस्थ होने के लिए यूएई की प्रतिबद्धता को दर्शाता हैं… विशेष रूप से, इस साल की शुरुआत से, यूएई के मध्यस्थता प्रयास रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध बंदियों के आदान-प्रदान कराने में सफल रहे हैं.”

जीकेटी/