सत्ता के लिए राष्ट्र विरोधी तत्वों से सांठगांठ कर रही कांग्रेस : कविंदर गुप्ता

जम्मू, 23 अगस्त . जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) गठबंधन पर भाजपा नेताओं ने बड़ा आरोप लगाया है. भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस सत्ता के लालच में देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के साथ गठबंधन कर फिर से अपने मंसूबे को देश के सामने साफ कर द‍िया है. कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में अराजकता का माहौल बनाना चाहती है. जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता कविंदर गुप्ता ने कांग्रेस पार्टी की गठबंधन नीति पर सवाल उठाए हैं.

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा जारी घोषणा पत्र में ‘पत्‍थरबाजों’ और अन्य कैदियों को रिहा करने, पाकिस्तान के साथ सीमा पार व्यापार फिर से शुरू करने और जम्मू-कश्मीर में दो झंडे और दो संविधान की व्यवस्था को बहाल करने के प्रस्ताव शामिल है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में बैठने के लिए राष्ट्र विरोधी तत्वों से सांठगांठ कर रही है और क्षेत्र में अराजकता फैलाने की साजिश रच रही है. कांग्रेस पार्टी की यह नीति देश की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक है. कांग्रेस सत्ता के लिए इतनी बेताब है कि वह किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करने को तैयार है, चाहे इसके लिए उन लोगों से ही हाथ क्यों न मिलाना पड़े, जिनका भारत को बदनाम करने का अंतरराष्ट्रीय एजेंडा है.

इसे पहले अमित शाह ने पूछा था कि क्या कांग्रेस ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है? क्या राहुल गया गांधी और कांग्रेस पार्टी अनुच्छेद 370 और 35ए को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?

उन्होंने पूछा था कि क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पाकिस्तान के साथ ‘एलओसी ट्रेड’ शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय से फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद और उसके इकोसिस्टम का पोषण करने का समर्थन करते हैं? क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है?

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