बेंगलुरु, 23 अगस्त . कई देशों में मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) वायरस के प्रसार को देखते हुए कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. शरण प्रकाश पाटिल ने शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की.
राज्य में इस वायरस के प्रसार को रोकने और इस संबंध में एहतियाती उपाय करने के लिए बेंगलुरु में विकास सौधा में बैठक का आयोजन किया गया.
जनता को आश्वस्त करते हुए, मंत्री पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार ने एमपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए तत्पर है.
उन्होंने बताया, “एमपॉक्स वायरस को रोकने की रणनीति पर चर्चा करने के लिए आज मैने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. चिंता की कोई बात नहीं है, हमने आवश्यक उपाय लागू कर दिए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं और एमपॉक्स के बारे में सलाह दी है.”
डॉ. पाटिल ने कहा, “हमने विक्टोरिया अस्पताल में जांच और स्क्रीनिंग की सुविधा का प्रबंध किया है और आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की है. जांच निशुल्क की जाएगी.”
उन्होंने यह भी बताया कि स्थिति के अनुसार अन्य अस्पतालों में भी इसी तरह की व्यवस्था की जाएगी.
डॉ. पाटिल ने बताया कि सरकार ने संदिग्ध एमपॉक्स मामलों के लिए विक्टोरिया अस्पताल के एच ब्लॉक में पांच आईसीयू इकाइयों में 50 आइसोलेशन बेड आरक्षित किए हैं. इसके अलावा, अस्पताल की वीआरडीएल लैब और माइक्रोबायोलॉजी विभाग आवश्यक जांच करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि हालांकि भारत में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन बीएमसीआरआई से जुड़े अस्पताल हाई अलर्ट पर हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.
“सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार आवश्यक एहतियाती कदम उठाए गए हैं और इसके लिए अधिकारियों को उचित निर्देश जारी किए गए हैं.”
डॉ. पाटिल ने कहा कि हमारे राज्य में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है. इसलिए, राज्य के लोगों को घबराना नहीं चाहिए. यह एक वायरल संक्रमण है. एहतियात के तौर पर सभी आवश्यक तैयारियां की गई हैं.
मंत्री ने कहा, “इस मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के साथ भी चर्चा की गई है. केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर जांच के लिए दिशा निर्देश देगी.”
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