भोपाल, 23 अगस्त . देश भर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां चल रही हैं. मध्यप्रदेश सरकार भी जन्माष्टमी की तैयारी कर रही है. लेकिन, सरकार की तैयारियों के बीच एक आदेश ने विवाद पैदा कर दिया है. दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में जन्माष्टमी मनाने का आदेश दिया है. सरकार के इस आदेश पर अब सियासत तेज हो गई है.
आदेश में कहा गया है कि सभी स्कूलों में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा. सरकार के इस आदेश पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है.
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि अगर जन्माष्टमी मनाने के लिए बाध्य किया जाएगा तो यह ठीक नहीं है. स्कूलों में जिन्हें जन्माष्टमी नहीं मनानी है, वह मना करेंगे. ऐसे में विवाद पैदा हो सकता है और मौजूदा सरकार विवाद ही चाहती है. अगर आप हिंदू धर्म के त्योहारों को प्राथमिकता दे रहे हैं तो मुस्लिमों के त्योहारों को भी मनाना चाहिए. ईद, गुरु पर्व भी मनाना चाहिए. जब सरकारी स्कूलों में छुट्टी घोषित है तो स्कूलों में आयोजन कराने का क्या मतलब है. एक तरफ सरकार मदरसों को लेकर कुछ और कहती है और स्कूलों में जन्माष्टमी मनाने का सरकारी आदेश जारी करती है. यह आदेश संविधान के विरुद्ध है. लेकिन, इस आदेश को अनिवार्य किया गया है.
उन्होंने कहा कि संविधान हमें आजादी देता है कि हम कौन सा त्यौहार मनाएं, कौन सा नहीं. वैसे भी हम सभी धर्म के लोग एक दूसरे के साथ मिलकर त्यौहार मनाते हैं.
वहीं, कांग्रेस के विरोध पर भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस को हिन्दू त्योहारों से परेशानी है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भगवान कृष्ण ने 5 हजार साल पहले शिक्षा की महत्ता बताई थी. भगवान कृष्ण मथुरा से उज्जैन शिक्षा ग्रहण करने आए थे. इससे अच्छा भाग्यशाली समय क्या होगा? गरीब-अमीर की दोस्ती का सबसे बड़ा उदाहरण नारायण धाम पर कृष्ण-सुदामा की दोस्ती है. भगवान कृष्ण की वीरता के प्रतीक के स्थान को सामने लाने में क्या गलत है?
उन्होंने आगे कहा कि जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान कृष्ण के स्थानों को स्मरण नहीं करेंगे तो फिर मथुरा को क्यों स्मरण करते हैं? मथुरा में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाने पर कांग्रेस के लोग मथुरा जाना छोड़ देंगे? ऐसी अटपटी बातें करना ठीक नहीं.
मध्य प्रदेश सरकार ने सभी डिविजनल कमिश्नर और जिला कलेक्टरों को एक आदेश जारी कर कहा है कि 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर हर जिले में स्थित कृष्ण मंदिरों की साफ-सफाई की जाए और वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. इसके अलावा सभी सरकारी, गैर सरकारी स्कूल-कॉलेज में कृष्ण की शिक्षा, मित्रता और जीवन दर्शन को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.
–
डीकेएम/