वक्फ बोर्ड संशोधन बिल की चर्चा, मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय सचिव ने उठाए सवाल

नई दिल्ली, 5 अगस्त . संसद भवन में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के पेश होने की संभवाना है. सरकार इस बिल के माध्यम से वक्फ बोर्ड की संपत्तयों को नियंत्रित करने के लिए नियम बना सकती है. इस पर इंडियन मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय सचिव मौलाना कौसर हयात ने ऐतराज जताया है.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार लगातार मुस्लिम विरोधी अभियान चला रही है और इसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को हाशिए पर धकेलना है. कौसर हयात ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के पास देश के विकास के लिए कोई ठोस कार्यक्रम नहीं है और वह मुसलमानों को दबाने और नुकसान पहुंचाने के लिए नए-नए उपाय ढूंढ़ रही है.

कौसर हयात ने कहा, “भाजपा सरकार ने पहले भी मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, जैसे कि समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड), तीन तलाक और धारा 370 के माध्यम से. उनका मानना है कि वक्फ बोर्ड की संपत्ति मुस्लिम समुदाय की है, जिसे उनके बुजुर्गों ने समाज के हित के लिए दान दिया था. उन्होंने यह भी कहा कि इन संपत्तियों की कानूनी दस्तावेजीकरण कई सौ साल पुराना है और इस कारण कुछ मामलों में विवाद भी है.”

कौसर हयात आगे कहते हैं कि सरकार को वक्फ बोर्ड को और अधिक अधिकार देने चाहिए थे, ताकि वे अपने संपत्तियों की रक्षा कर सके और अदालतों को वक्फ संपत्ति से संबंधित विवादों का जल्द से जल्द निस्तारण करने का निर्देश देना चाहिए था. उन्होंने चिंता जताई कि सरकार वक्फ बोर्ड को समाप्त करने की कोशिश कर रही है, जबकि वक्फ की करोड़ों की संपत्ति को अपने कब्जे में लेने की मंशा रखती है.

उन्होंने कांग्रेस सरकार पर भी आरोप लगाया कि उसने भी वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के प्रति लापरवाही दिखाई थी. कौसर हयात ने कहा कि भाजपा सरकार की नीयत भी ठीक नहीं है और वह इसी दिशा में आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को देश के विकास पर ध्यान देना चाहिए और मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों को निशाना बनाने के बजाय देश की प्रगति के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.

कौसर हयात की इस टिप्पणी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है और कई मुस्लिम संगठन इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.

पीएएसएम/केआर