पांच साल में तबाही की कगार पर जम्मू-कश्मीर, आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि : कांग्रेस प्रवक्ता रविंदर शर्मा

जम्मू कश्मीर, 4 अगस्त . जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के पांच साल गुजरने पर कांग्रेस प्रवक्ता रविंदर शर्मा की प्रतिक्रिया सामने आई है.

उन्होंने कहा कि 5 सालों में जम्मू कश्मीर तबाही की तरफ गया है. इस दौरान बेरोजगारी बढ़ी है. आतंकवाद जम्मू संभाग में बढ़ गया है. पिछले दो-तीन सालों में आतंकवाद बढ़ा है. आतंकवाद हर एक जिले में देखा जा रहा है. लोग दहशत के माहौल में हैं. सुरक्षा के बंदोबस्त कम हैं. विकास नाम की कोई चीज नहीं है. आज देश को गुमराह किया जा रहा है. मीडिया के माध्यम से और दूसरी तरफ लोगों को डराया जा रहा है.

यूपीए सरकार में यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर के काम हुए लेकिन पांच सालों में जम्मू कश्मीर में कोई विकास का काम नहीं हुआ. राज्य में विकास के तमाम काम यूपीए सरकार के दौरान कराए गए. जम्मू में कई रेलवे प्रोजेक्ट्स हैं, उनको छोड़कर कश्मीर में क्या काम किया गया. जम्मू रीजन को ज्यादा इग्नोर किया गया. जम्मू से पूंछ रेलवे बहुत ज्यादा जरूरी था. 13,000 करोड़ राहुल गांधी ने उसके लिए इनीशिएट किया था और सर्वे कराया था, उसका आज पता नहीं.

उन्होंने कहा कि जम्मू ज्यादा पहाड़ी क्षेत्र है. जहां आतंकवाद का मुकाबला भी अच्छे तरीके के साथ होता है. आजकल पूंछ के लोग जम्मू आना छोड़ चुके हैं. वो कश्मीर जाते हैं क्योंकि कश्मीर नजदीक है. कश्मीर में टूरिज्म दिखाने का दिखावा किया जा रहा है. लोग आज इन चीजों से तंग है कि यहां पर चुनाव नहीं कराया जा रहा है. यहां लोगों को बोलने का हक नहीं है. राज्य में इंडस्ट्री सेक्टर का विस्तार नहीं हो रहा है. दावे बहुत किये जाते रहे हैं लेकिन मीडिया के माध्यम से पता चलता है कि यहां पर इंडस्ट्री बंद हो गई. बेरोजगारी बहुत ज्यादा बढ़ी है. हम कुछ लोगों से मिले हैं, जिन्होंने इस बात को कहा है.

उन्होंने कहा कि अब सारी पावर उप राज्यपाल मनोज सिन्हा को दे दी गई है. उनकी ओर से केवल सुबह ऑर्डर निकल जाता है. जम्मू के लोगों की कोई भी आवाज बुलंद करने वाला नहीं है. कोई पंच-सरपंच नहीं. बीडीसी नहीं रही. म्युनिसिपल कॉरपोरेशन नहीं रही. चुनाव करवाते नहीं है. हालात का बहाना बनाते हैं. पिछले 6 सालों में चुनाव नहीं करवाया जा रहा है. इसका मतलब टेरोरिज्म की स्थिति बड़ी है लेकिन जम्मू-कश्मीर को लेकर देश को अलग तस्वीर दिखाई जाती है.

एकेएस/जीकेटी