नई दिल्ली, 4 अगस्त . केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार जल्द ही वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन से जुड़ा एक बिल संसद में पेश कर सकती है. इसके तहत वक्फ बोर्ड अधिनियम में 40 से अधिक संशोधनों किए जा सकते हैं.
इस मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने से बात करते हुए कहा कि इस संबंध में तमाम मुस्लिम संगठनों ने सरकार को प्रत्यावेदन दिए थे और आपत्ति जताई थी. बोर्ड की संपत्तियों का जहां, व जिसके लिए उपयोग होना चाहिए, वह नहीं हो रहा है.
कई जगह रियल एस्टेट के लिए उपयोग हो रहा है. कई जगह किसी की संपत्ति पर वक्फ बोर्ड ने कब्जा कर उसे अपनी संपत्ति घोषित कर दी. मेरा मानना है कि पीड़ित पक्ष को अपनी बात को रखने का अधिकार मिले, इसलिए हमारे यहां न्यायपालिका है और सभी को न्यायालय के जाने का अधिकार है.
वक्फ बोर्ड में इस प्रकार के प्रावधान किए गए हैं कि अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति को अपना कह देता है, तो उसमें कोई आपत्ति भी नहीं कर सकता है. आपत्ति वक्फ बोर्ड में ही की जाएगी. इसी प्रकार की बहुत सारी विसंगतियां है. विसंगतियों को ठीक करना सरकार की जिम्मेदारी है. जो जनता और अल्पसंख्यकों के हित में होगा, सरकार वही करेगी.
अयोध्या की घटना पर डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि आरोपी समाजवादी पार्टी का पदाधिकारी है. समाजवादी पार्टी को पीड़ित पक्ष के साथ खड़ा होना चाहिए. क्या अखिलेश यादव का पीडीए पीड़ित परिवार के लिए नहीं है. पीड़ित अति पिछड़ी समाज से आती है. सपा को उनके साथ खड़ा होना चाहिए. समाजवादी पार्टी को आरोपी के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए था, लेकिन वोट के लालच में वे महिलाओं का सम्मान भूलते जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव पीड़ित पक्ष के साथ खड़े होने के बजाय डीएनए की बात करने लगे. क्या उनको पीड़ित पक्ष की पीड़ा नहीं दिखाई दे रही है. अफवाह फैलाकर दलितों और पिछड़ों का वोट लेने का जो प्रयास लोकसभा में सपा की तरफ से हुआ था, उसका आज पर्दाफाश हो गया . उनका असली चेहरा सामने आ गया है. वो कहते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं. समाजवादी पार्टी न अगड़ों के साथ है, न पिछड़ों के साथ.
–
एकेएस/