दिसपुर, 3 अगस्त . टाटा समूह ने असम में सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई का कंस्ट्रक्शन शनिवार को शुरू कर दिया. इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और टाटा संस लिमिटेड के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन भी मौजूद थे. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल 29 फरवरी को असम के मोरीगांव में टाटा के सेमीकंडक्टर संयंत्र और दो अन्य इकाइयों के प्रस्तावों को मंजूरी दी थी.
यह इकाई 27 हजार करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जाएगी. इससे 15 हजार प्रत्यक्ष और करीब 13 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है. इस इकाई की प्रस्तावित क्षमता 4.83 करोड़ चिप्स प्रतिदिन है. यह इकाई फ्लिप चिप और आई-एसआईपी (पैकेज में एकीकृत प्रणाली) प्रौद्योगिकियों सहित स्वदेशी उन्नत सेमीकंडक्टर पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए साइट होगी.
ये प्रौद्योगिकियां ऑटोमोटिव (विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन), संचार, नेटवर्क बुनियादी ढांचे और अन्य प्रमुख अनुप्रयोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस खास मौके पर कहा, “गर्व है! असम अगला वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक हब बनने के लिए तैयार है. 27 हजार करोड़ रुपये की लागत वाले इस सेमीकंडक्टर प्लांट में 27 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. उन्होंने कहा कि यह एक विश्व स्तरीय औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को आकर्षित करेगा जो नए युग की तकनीक में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने के भारत के प्रयास को बढ़ावा देगा.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई अवसरों पर इस बात पर जोर दिया है कि सरकार उत्तर-पूर्व की क्षमता को समझने और इसकी प्रगति में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है. आज सेमीकंडक्टर इकाई का निर्माण शुरू होना प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत, विकसित पूर्वोत्तर’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक कदम है.
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एसएचके/एकेजे