भोपाल गैस त्रासदी देश का मुद्दा, अब भी याद है 1984 की वह काली रात : सांसद आलोक शर्मा

भोपाल, 3 अगस्त . मध्य प्रदेश की भोपाल सीट से भाजपा सांसद आलोक शर्मा ने संसद में यूनियन कार्बाइड का मुद्दा उठाया है. उन्होंने गत मंगलवार को लोकसभा में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निष्पादन की मांग की.

भाजपा सांसद ने से इस पर बात की. उन्होंने कहा कि यूनियन कार्बाइड का मुद्दा सिर्फ भोपाल या मध्य प्रदेश का मुद्दा नहीं है. यह पूरे देश का मुद्दा है. उन्होंने कहा, “मुझे 2 दिसंबर 1984 कि वह रात आज भी याद है. रात को सभी लोग अपने घरों में सो रहे थे. रात करीब एक बजे यूनियन कार्बाइड से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव होने लगा था.

“गैस रिसाव के कारण लोग बुरी तरह खांसने लगे. उनकी आंखों में तेज जलन होने लगी. उस जहरीली गैस को मैंने बहुत पास से देखा और भुगता है. आज से 40 साल पहले हुए गैस रिसाव के कारण मौत के मंजर को मैंने करीब से देखा है.”

शर्मा ने कहा कि भोपाल की जनता ने सांसद के रूप में उन्हें लोकसभा भेजा है. उनकी प्राथमिकता है कि यूनियन कार्बाइड का जो कई टन कचरा पड़ा है, उसका वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन होना चाहिए.

उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं. उन्होंने यूनियन कार्बाइड कचरे के लिए निष्पादन के लिए 126 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई है. हम बहुत जल्द कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया शुरू करेंगे.

“मैं साथ ही पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव को भी सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं. हम आने वाले समय में भोपाल की जो छवि डिजास्टर सिटी के रूप में आई थी उसे लिवेबल सिटी की ओर लेकर जाएंगे.”

भोपाल में 2 दिसंबर 1984 को भयंकर गैस त्रासदी हुई थी. यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस रिलीज हुई थी. इसकी चपटे में हजारों लोग आ गए थे. जहरीली गैस के चलते हजारों लोगों की जान चली गई थी. इस मामले में मुख्य दोषी एंडरसन की वर्ष 2014 में मौत हो गई थी.

एसएम/एकेजे