देहरादून, 2 अगस्त . केदारनाथ सहित उन जगहों पर बरसात नहीं हो रही है, जहां पर राज्य सरकार के द्वारा फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू करने का अभियान चलाया जा रहा है. आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि जिनके भी परिजन केदारनाथ, भीमबली, गौरी कुंड में हैं. उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है.
जिला प्रशासन उन्हें वहां सकुशल निकालने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है. सभी को जल्द ही सकुशल उनके घर पहुंचा दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि केदारनाथ में करीब 1,000 और भीमबली में करीब 500 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं और बचाव कार्य जारी है. गौरीकुंड से करीब 3,000 यात्रियों को बाहर निकाला गया है.
सोनप्रयाग में करीब एक हजार लोग हैं. उन्हें हम पैदल लाने की कोशिश कर रहे हैं. भीमबली में 500 लोगों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है. दरअसल, बीते दिनों बादल फटने से उत्तराखंड में स्थिति भयावह हुई है.
बादल फटने से कई रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं. केदारनाथ, गौरीकुंड, भीमबली जैसे जगहों पर यात्रा पर निकले लोग फंस गए हैं. केदारनाथ धाम की यात्रा बाधित हो चुकी है और अब केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों के रेस्क्यू का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन में चिनूक जैसे हेलीकाॅप्टर भी लगाए गए हैं.
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर पोस्ट किया कि प्रदेश में आई आपदा से निपटने के लिए हम हरसंभव कदम उठा रहे हैं. केंद्र सरकार से भी हमें प्रदेश में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरा सहयोग मिल रहा है.
अभी तक 5000 से भी अधिक लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है. जल्द ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फंसे सभी लोगों का रेस्क्यू कर लिया जाएगा.
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डीकेएम/