दिल्ली के शेल्टर होम आशा किरण में बच्चों की मौत का मामला, शाजिया इल्मी ने सीएम केजरीवाल से मांगा इस्तीफा

नई दिल्ली, 2 अगस्त . देश की राजधानी दिल्ली के रोहिणी स्थित शेल्टर होम आशा किरण में 13 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है. केजरीवाल सरकार ने इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं. बच्चों की मौत पर सियासत भी तेज हो गई है. भाजपा प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने इस मामले में दिल्ली की केजरीवाल सरकार व इंडिया गठबंधन के नेताओं को निशाने पर लिया है.

शाजिया इल्मी ने कहा कि चौपट नगरी, चौपट राजा.. देखिए, दिल्ली की क्या हालत हो गई है. मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आशा किरण में मानसिक रूप से दिव्यांग 13 बच्चों की मौत हो गई. बच्चों के साथ वहां क्या हो रहा है. आशा किरण में बच्चे बेसुध पाए गए और एक-एक कर उनकी मौत हो गई.

उन्होंने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है, 11 सालों से यहां पर रहस्यमय हालात में बच्चों की मौत हो रही है, वहां की हालत खराब है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अब दिल्ली सरकार इसके लिए किसको ब्लेम करेगी? किसके सर पर दोष मढ़ेगी? इसके लिए एलजी जिम्मेदार हैं या एमसीडी कमिश्नर. इसके लिए दिल्ली पुलिस जिम्मेदार है या दिल्ली का सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट? इन बच्चों की मौत कैसे हुई, इन बच्चों के लिए क्यों नहीं कुछ किया गया.

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी बच्चों की मौत पर चुप है. उनके साथ जो लोग गठबंधन किए हुए हैं, वे भी इस घटना पर चुप हैं. उनको भी बच्चों की मौत से कोई सरोकार नहीं है, क्योंकि अगर वे दिल्ली के बच्चों की मौत पर बोलेंगे, तो यह केजरीवाल सरकार के खिलाफ होगा. उनके पास राजनीति करने का वक्त है, लेकिन इन बच्चों की मौत पर बोलने का समय नहीं है. इस घटना के बाद अरविंद केजरीवाल काे अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

इस मामले पर रोहिणी एसडीएम मनीष चंद्र वर्मा ने कहा कि आशा किरण में 13 बच्चों की मौत हुई है. लेकिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. मौत की वजह क्या है, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद साफ होगा. इस घटना के बाद हमने वाटर टैंक की सफाई कराने और बच्चों को दिए जाने वाले खाने को पहले टेस्ट करने के सुझाव दिए हैं. घटना की जांच के आदेश दिए जा चुके हैं, जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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