झारखंड के संथाल परगना में आदिवासी अस्मिता पर घुसपैठिए कर रहे हमला, राज्य सरकार विफल : हिमंता बिस्वा सरमा

पाकुड़, 1 अगस्त . असम के सीएम और झारखंड भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासियों की अस्मिता पर आक्रमण कर रहे हैं. लेकिन, आदिवासी मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार उनकी रक्षा नहीं कर पा रही है. यह चिंता का विषय है. वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से मिलकर उन्हें स्थिति से अवगत कराएंगे.

हिमंता बिस्वा सरमा गुरुवार को पाकुड़ जिले के गायबथान गांव का दौरा करने और पाकुड़ स्थित केकेएम कॉलेज के छात्रों से मुलाकात के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि गायबथान गांव में अपनी जमीन पर निर्माण कर रहे आदिवासी परिवारों पर मुस्लिमों ने हमला किया. कोर्ट ने जिस जमीन पर आदिवासियों का हक बताया है, उस पर जबरन कब्जा किया गया है.

उन्होंने बताया कि हमने पाया है कि झारखंड में आदिवासी सीएम और संथाल परगना टेनेंसी एक्ट जैसा कानून लागू होने के बाद भी आदिवासियों को उनकी जमीन से भगाया जा रहा है. यहां तक कि कोर्ट का आदेश उनके पक्ष में होने के बाद भी प्रशासन मदद नहीं करता. ऐसे में हेमंत सोरेन को बताना चाहिए कि आखिर आदिवासी कहां जाएं?

असम के सीएम ने कहा कि पाकुड़ के केकेएम कॉलेज में पिछले दिनों पुलिस ने हमला किया. 11 छात्रों की बुरी तरह पिटाई की गई और अब उनके खिलाफ नक्सल धाराओं के तहत केस दर्ज कराया गया है. घायल छात्रों के इलाज में लापरवाही बरती गई है. उनका सीटी स्कैन तक नहीं कराया गया. जो आदिवासी युवा और छात्र हेमंत सोरेन को ‘हीरो’ मानते हैं, उनके साथ ऐसा अन्याय हो रहा है.

उन्होंने कहा कि मैं झारखंड के सीएम से हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि छात्रों को न्याय दिलाएं. घटना के लिए जिम्मेदार एसपी को तुरंत हटाएं और दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करें. पाकुड़ में बकरीद के दिन गोपीनाथपुर गांव और मुहर्रम के दिन तारानगर गांव के लोगों पर घुसपैठियों और मुसलमानों ने हमला किया.

सरमा ने यह भी कहा कि मैं आज गोपीनाथपुर जाकर वहां के लोगों से मिलना चाहता था, लेकिन प्रशासन ने मुझे सिक्योरिटी थ्रेट बताकर जाने की अनुमति नहीं दी. आखिर, कैसे एक मुख्यमंत्री को कहीं भी जाने देने से रोका जा सकता है. हेमंत सोरेन कभी भी असम आएं तो उन्हें कहीं भी जाने से नहीं रोकेंगे.

एसएनसी/एबीएम