मुंबई, 1 अगस्त . भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारत के पूर्व कोच और क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ के निधन पर शोक व्यक्त किया, जिन्होंने कैंसर से लड़ाई के बाद बुधवार, 31 जुलाई, को वडोदरा में अंतिम सांस ली.
गायकवाड़ का अंतर्राष्ट्रीय करियर एक दशक से अधिक समय तक चला, इस दौरान उन्होंने 40 टेस्ट मैचों और 15 एकदिवसीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. अपनी ठोस तकनीक और दृढ़ निश्चय के लिए माने जाने वाले, उन्होंने ऐसे समय में तेज गेंदबाजी के कुछ बेहतरीन स्पैल का सामना करते हुए दृढ़ संकल्प दिखाया जब सुरक्षात्मक गियर न्यूनतम थे. उच्चतम स्तर के बल्लेबाज के रूप में, गायकवाड़ को 1976 में जमैका में उनकी 81 रनों की साहसिक पारी के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है, जहां उन्होंने कठिन पिच पर एक क्रूर गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ तूफान का सामना किया था, और 1983 में जालंधर में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी 201 रनों की साहसिक पारी के लिए याद किया जाता है. 671 मिनट तक बल्लेबाजी की, उनका घरेलू रिकॉर्ड भी शानदार रहा, उन्होंने 200 से अधिक प्रथम श्रेणी मैचों में भाग लिया, जिसमें उन्होंने 34 शतक और 47 अर्द्धशतक सहित 12,000 से अधिक रन बनाए.
अपने खेल के दिनों के बाद, गायकवाड़ ने विशिष्टता के साथ भारतीय क्रिकेट की सेवा करना जारी रखा. उन्हें 1997 में मुख्य कोच नियुक्त किया गया और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान टीम को उल्लेखनीय सफलताएँ दिलाईं. उनके मार्गदर्शन में, भारत ने 1998 में शारजाह में एक त्रि-राष्ट्र टूर्नामेंट में प्रसिद्ध जीत हासिल की और 1999 में नई दिल्ली में एक टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ अनिल कुंबले की ऐतिहासिक 10-74 विकेट का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आंकड़ा देखा.
उनके रणनीतिक कौशल और खेल की गहरी समझ के कारण उन्हें खिलाड़ियों और साथियों से बहुत सम्मान मिला.उन्होंने चुनौतियों का सामना करने में कभी संकोच नहीं किया, उन्होंने अलग-अलग भूमिकाएँ निभाईं और भारतीय क्रिकेट की सेवा करने के लिए हर अवसर का लाभ उठाया. एक पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता, वह बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य, बोर्ड की शीर्ष परिषद के सदस्य, भारतीय क्रिकेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और एक कमेंटेटर और टीवी विशेषज्ञ भी थे. खेल के साथ उनके पांच दशक लंबे जुड़ाव का जश्न मनाने के लिए, बीसीसीआई ने उन्हें 2018 में सी.के. नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया.
बीसीसीआई के अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “अंशुमान गायकवाड़ का निधन भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ी क्षति है. खेल के प्रति उनका समर्पण, लचीलापन और प्यार अद्वितीय था. वह सिर्फ एक क्रिकेटर ही नहीं बल्कि कई लोगों के लिए गुरु और मित्र थे. क्रिकेट समुदाय उन्हें बहुत याद करेगा और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा. मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवार और प्रियजनों के साथ हैं क्योंकि वे इस क्षति से उबर रहे हैं.”
बीसीसीआई के मानद सचिव जय शाह ने कहा, “अंशुमान गायकवाड़ का निधन क्रिकेट समुदाय के लिए एक गहरी क्षति है. भारतीय क्रिकेट के सच्चे सेवक, उन्हें उनके साहस, ज्ञान और खेल के प्रति समर्पण के लिए याद किया जाएगा. खेल में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है और वह अपने पीछे एक स्थायी विरासत छोड़ गये हैं. इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं.”
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