अमर सिंह की पुण्यतिथि : मनमोहन सरकार को गिरने से बचाने में  निभाई थी अहम भूमिका, जानें वो किस्सा

नई दिल्ली, 01 अगस्त . आज यानि एक अगस्त को समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे अमर सिंह की पुण्यतिथि है. आइए अमर सिंह की जयंती पर उनकी राजनीतिक हैसियत से जुड़ी कहानी को जानते हैं जब उन्होंने कांग्रेस की सरकार गिरने से बचाई थी.

ये कहानी है साल 1999 की, जब देश में गठबंधन की राजनीति का दौर था. उस समय छोटी पार्टियों की अहमियत बढ़ गई थी. उन्ही छोटी पार्टियों में से एक समाजवादी पार्टी थी और मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले अमर सिंह ने कांग्रेस की सरकार बचाने में एक अहम भूमिका निभाई थी. 1999 में सोनिया गांधी ने 272 सांसदों के समर्थन का दावा किया था, लेकिन समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को समर्थन नहीं दिया और सोनिया गांधी की किरकिरी हो गई. राजनीति के जानकार बताते हैं कि इस दौरान अमर सिंह की भूमिका बढ़ गई थी.

2008 में कांग्रेस सरकार बचाने के लिए अमर सिंह ने चाणक्य की भूमिका निभाई. दरअसल, हुआ ये कि न्यूक्लियर डील के दौरान वामपंथी दलों ने मनमोहन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया और सरकार अल्पमत में आ गई. इस दौरान अमर सिंह ने अपनी रणनीति के तहत समाजवादी सांसदों के साथ-साथ कई निर्दलीय सांसदों को मनमोहन सरकार के पाले में लाकर खड़ा कर दिया.

राजनीति के अलावा अमर सिंह का बॉलीवुड कलाकारों और देश के बड़े कारोबारियों के साथ उठना-बैठना भी था. अमिताभ बच्चन के साथ अमर सिंह की दोस्ती काफी गहरी थी. दोनों एक दूसरे को अपना परिवार बताने लगे थे. बताया जाता है कि जब अमिताभ बच्चन की एबीसीएल कंपनी कर्जे में थी, बच्चन मुश्किल दौर से गुजर रहे थे, तब अमर सिंह ने कथित तौर पर दस करोड़ की मदद की थी. उन्हें करीब से जानने वाले लोगों का मानना था कि बड़ी से बड़ी मुश्किल का हल अमर सिंह चुटकियों में निकाल लेते थे. वक्ता भी अच्छे थे और गहरी बात को आम बोलचाल की भाषा में कह जाना इनकी खासियत रही. हालांकि अमर सिंह पर कई तरह के आरोप भी लगे. विवादों से भी गहरा नाता रहा.

अनिल अंबानी और सुब्रत राय जैसे उद्योगपतियों के साथ भी उनके बेहतर संबंध थे. अमर सिंह को उनकी दूरदर्शिता और राजनीतिक कौशल के लिए जाना जाता था. उन्होंने समाजवादी पार्टी को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 90 के दशक में अमर सिंह पूर्वांचल के कद्दावर नेता वीर बहादुर सिंह और चंद्रशेखर के करीबी माने जाते थे. राजनीति के जानकार बताते हैं कि वीर बहादुर सिंह के कारण ही अमर सिंह की भेंट मुलायम सिंह यादव से हुई थी. उनके बेहद करीबी हुए लेकिन 2017 आते-आते सपा से दुराव बढ़ गया और फिर भाजपा के कार्यक्रमों में दिखने लगे.

अमर सिंह का निधन 1 अगस्त 2020 को सिंगापुर में हुआ था. वो सिंगापुर में किडनी संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे. 1 अगस्त से पहले मार्च में भी उनकी मौत को लेकर अफवाह उड़ी तो वीडियो संदेश जारी किया था. खालिस अमर सिंह अंदाज में! कहा था, ‘सिंगापुर से मैं अमर सिंह बोल रहा हूं. रुग्ण हूं, त्रस्त हूं व्याधि से लेकिन संत्रस्त नहीं. हिम्मत बाकी है, जोश बाकी है, होश भी बाकी है. हमारे शुभचिंतक और मित्रों ने ये अफवाह बहुत तेज़ीसे फैलाई है कि यमराज ने मुझे अपने पास बुला लिया है. ऐसा बिल्कुल नहीं है. मेरा इलाज चल रहा है और मां भगवती की कृपा हुई तो अपनी शल्य चिकित्सा के उपरांत शीघ्र-अतिशीघ्र दोगुनी ताकत से वापस आऊंगा’

पीएसके/केआर