घुड़सवार अनुष अग्रवाल ने पेरिस ओलंपिक से बाहर होने के बाद भी रचा इतिहास

वर्सेल्स (फ्रांस), 31 जुलाई . पेरिस ओलंपिक में भारत के एकमात्र राइडर अनुश अग्रवाल अपने घोड़े सर कारमेलो ओल्ड के साथ ड्रेसेज ग्रांड प्रिक्स इंडिविजुअल क्वालीफायर राउंड में नौवें स्थान पर रहे. इससे कोलकाता के 24 वर्षीय राइडर का ओलंपिक सफर पहली ही स्टेज में समाप्त हो गया.

अनुश ने जर्मनी में 17 साल की उम्र से ही प्रशिक्षण शुरू किया था. वह ओलंपिक में ड्रेसेज में हिस्सा लेने वाले पहले भारतीय हैं. उन्होंने न्यूनतम योग्यता मानक (एमईआर) चार बार हासिल कर देश के लिए कोटा पक्का किया था. ड्रेसेज घुड़सवारी का सबसे उन्नत रूप है, जिसमें घोड़ा और राइडर संगीत के साथ कलात्मक गतिविधियां करते हैं. जज इस दौरान उनके मूवमेंट की आसानी और लयबद्धता का मूल्यांकन करते हैं.

जजों ने अनुश और उनके घोड़े को कुल 66.444 पेनल्टी पॉइंट दिए, जिससे वे अपने ग्रुप में नौवें स्थान पर रहे. प्रत्येक ग्रुप से केवल दो प्रतिभागी ही फाइनल में पहुंच पाए.

पेरिस में घुड़सवारी प्रतियोगिता में भाग लेकर अग्रवाल उन भारतीय घुड़सवारों की सूची में शामिल हो गए जिन्होंने ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था. फवाद मिर्जा ने 2020 टोक्यो ओलंपिक में इवेंटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. उनसे पहले इम्तियाज अनीस ने 2000 सिडनी ओलंपिक में और इंद्रजीत लांबा ने 1996 अटलांटा ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था. जितेंद्रजीत सिंह आहलूवालिया, हुसैन सिंह, मोहम्मद खान और दारिया सिंह ने 1980 मास्को ओलंपिक में भाग लिया था.

पिछले छह सवारों ने इवेंटिंग में देश का प्रतिनिधित्व किया था, जबकि अग्रवाल ड्रेसेज में क्वालीफाई हुए थे. यह अपने आप में उनकी एक बड़ी उपलब्धि है. अग्रवाल की यह उपलब्धि एशियाई खेलों में भारत की सफलता के ठीक बाद आई है, जहां अग्रवाल, दिवाकिरति सिंह, हृदय छेडा और सुदीप्ति हाजेला की भारतीय टीम ने टीम ड्रेसेज में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था.

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