अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), 31 जुलाई . उत्तर प्रदेश में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों पर गाज गिरने जा रही है. अब तक 94 मदरसों को चिह्नित किया जा चुका है, जो बगैर मान्यता के संचालित हो रहे हैं. उनके खिलाफ जल्द कड़ी कार्रवाई होगी.
सरकार का कहना है कि इन मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा, ताकि उनकी शिक्षा में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो. बीते दिनों योगी सरकार ने निर्देश दिया था कि प्रदेश में ऐसे सभी मदरसों को चिह्नित किया जाए, जो बिना किसी मान्यता के संचालित हो रहे हैं.
सरकार का कहना है कि इनमें पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जो उचित नहीं है. बच्चों को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित करने के लिए टीम गठन की प्रक्रिया जारी है. यह टीम अब एक्शन मोड में आ चुकी है. इनका काम है कि पहले यह गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों को चिह्नित करें और इसके बाद उसमें पढ़ने वाले विधार्थियों को दूसरे स्कूलों में ट्रांसफर करें, ताकि उनकी पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो.
अल्पसंख्यक अधिकारी निधी गोस्वामी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “अब तक अलीगढ़ जनपद में 94 मदरसों को चिह्नित किया गया है, जो गैर-मान्यता प्राप्त हैं. वर्तमान में कमेटी गठन की प्रक्रिया जारी है, जिनका मुख्य रूप से यह काम होगा कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को चिह्नित करें. इसके बाद उनमें पढ़ने वाले छात्रों को वहां से बाहर निकालें. इसके अलावा, यह पता करें कि आखिर ऐसे मदरसे किसकी शह पर चल रहे हैं? आखिर इन्हें संचालित कौन कर रहा है? यह पूरी तरह से गलत है. छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जब इन मदरसों को सरकारी मान्यता प्राप्त ही नहीं है, तो इस बात की भी पूरी संभावना है कि इनके द्वारा प्रदान किए गए दस्तावेजों की भी कोई मान्यता नहीं होगी और ये लोग ऐसा करके छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.”
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एसएचके/एकेजे