नई दिल्ली, 30 जुलाई . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में देश के सभी राज्यों का नाम नहीं लेने और हलवा समारोह को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने देश पर दशकों तक राज किया है, उन्हें बजट की प्रक्रिया के बारे में सब कुछ पता है. लेकिन, इसके बावजूद तथ्यों को तोड़-मरोड़कर और अफवाह फैलाकर वह भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहते हैं.
लोकसभा में बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों के साथ भेदभाव का भ्रामक अभियान चलाया गया. जबकि, दशकों तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस को यह पता है कि जिन राज्यों का नाम नहीं लिया जाता है, उन्हें भी फंड दिया जाता है.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कांग्रेस को यूपीए सरकार के बजट की याद दिलाते हुए कहा कि वर्ष 2004-05 के बजट में 17 राज्यों का नाम नहीं लिया गया था. इसके बाद के बजट में भी यही होता रहा. 2005-06 के बजट में 18 राज्यों, 2006-07 के बजट में 13 और 2009-10 के बजट में तो सिर्फ 2 ही राज्य का नाम लिया गया था. कांग्रेस बताए कि क्या उस समय कांग्रेस ने बाकी राज्यों को फंड नहीं दिया था.
बजट से पूर्व हलवा समारोह को लेकर राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह बहुत पुरानी परंपरा है, मिंटो रोड पर जब प्रिंटिंग प्रेस था, स्टाफ वहां जाते थे और बजट पेश होने तक बाहर नहीं आते थे. बजट से जुड़े लोगों को पहले 8 दिन 9 रातों के लिए बंद हो जाना पड़ता था. अब भी बजट से जुड़े लोगों को 4 दिन 5 रातों के लिए बंद होना पड़ता है. इसलिए, बंद होने से पहले वे शुभ कार्य की शुरूआत मुंह मीठा करके करते हैं. हलवा वहां के कर्मचारियों द्वारा ही बनाया जाता है. यह भावनात्मक मुद्दा है.
उन्होंने आगे बताया कि बजट तैयार करने के दौरान अधिकारी जब नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में रह रहे थे, तब दो अधिकारियों को उनके परिवार के सदस्यों की मौत की खबर मिली, लेकिन उन दोनों अधिकारियों ने बजट के नियमों और गोपनीयता का पालन करते हुए अपने आपको दुनिया से अलग बंद करके रखा और बजट पेश होने के बाद ही बाहर आए.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस हलवा समारोह को फोटो इवेंट बनाने की शुरूआत 2013-2014 में यूपीए सरकार के वित्त मंत्री ने की थी. उस समय सरकार को रिमोट कंट्रोल से चलाने वाले राहुल गांधी ने अपने वित्त मंत्री से उस समय क्यों नहीं पूछा था कि उस इवेंट की फोटो में कितने एससी, एसटी और ओबीसी हैं.
निर्मला सीतारमण ने बजट तैयार करने वाले अधिकारियों और हलवा समारोह में शामिल लोगों की राहुल गांधी द्वारा जाति पूछने के सवाल को समाज को कई वर्गों में बांटने की साजिश करार देते हुए पूछा कि ये बताएं कि राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट में कितने एससी, एसटी और ओबीसी के लोग हैं.
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एसटीपी/एबीएम