सरदार पटेल क्यों नहीं बन पाए भारत के पहले प्रधानमंत्री, ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ में होगा खुलासा

मुंबई, 30 जुलाई . आगामी पीरियड स्ट्रीमिंग शो ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ का टीज़र मंगलवार को जारी किया गया. इसमें भारत के आजादी के आंदोलन के अंतिम चरण के दौरान राजनीतिक तनाव की झलक दिखाई गई है. जिसके कारण अंततः भारत का विभाजन और मानव इतिहास का सबसे बड़ा विस्थापन हुआ.

टीजर में दिखाए गए एक दृश्य में महात्मा गांधी सरदार वल्लभभाई पटेल से भारत के पहले प्रधानमंत्री के पद के लिए अपना नामांकन वापस लेने के लिए कहते हैं, जिससे जवाहरलाल नेहरू के लिए रास्ता साफ हो जाता है.

जब गांधी सरदार वल्लभभाई पटेल को नामांकन वापसी का पत्र सौंपते हैं, तो कमरे के अंदर का माहौल नाटकीय रूप से बदल जाता है.

गांधी ने 1929, 1937 और 1946 में सरदार वल्लभभाई पटेल के बजाय नेहरू को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुना था.

भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने गांधी द्वारा “आकर्षक नेहरू की खातिर अपने भरोसेमंद लेफ्टिनेंट (सरदार वल्लभभाई पटेल) का बलिदान” दिए जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी.

सीरीज में कई बेहतरीन कलाकार हैं. इनमें जवाहरलाल नेहरू के रूप में सिद्धांत गुप्ता, महात्मा गांधी के रूप में चिराग वोहरा, सरदार वल्लभभाई पटेल के रूप में राजेंद्र चावला, मुहम्मद अली जिन्ना के रूप में आरिफ जकारिया, फातिमा जिन्ना के रूप में इरा दुबे, सरोजिनी नायडू के रूप में मलिष्का मेंडोंसा, लियाकत अली खान के रूप में राजेश कुमार, वी.पी. मेनन, लॉर्ड लुईस माउंटबेटन के रूप में ल्यूक मैकगिबनी, लेडी एडविना माउंटबेटन के रूप में कॉर्डेलिया बुगेजा, आर्चीबाल्ड वेवेल के रूप में एलिस्टेयर फिनले, क्लेमेंट एटली के रूप में एंड्रयू कुलम और सिरिल रेडक्लिफ के रूप में रिचर्ड टेवरसन प्रमुख भूमिकाओं में हैं.

‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ डोमिनिक लैपियर और लैरी कॉलिन्स की इसी नाम की किताब पर आधारित है.

यह सीरीज महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसी प्रमुख हस्तियों की प्रेरणाओं, संघर्षों और बलिदानों पर आधारित है.

स्टूडियोनेक्स्ट और सोनी लिव के सहयोग से एम्मे एंटरटेनमेंट (मोनिशा आडवाणी और मधु भोजवानी) द्वारा निर्मित यह सीरीज सोनी लिव पर स्ट्रीम होने वाली है.

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