विधान परिषद सदस्यता जाने पर सुनील कुमार ने कहा, आरजेडी के लाखों-करोड़ों कार्यकर्ता मेरे साथ

पटना, 29 जुलाई . आरजेडी नेता सुनील कुमार की विधान परिषद सदस्यता चली गई. इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि आरजेडी के लाखों करोड़ों कार्यकर्ता मेरे साथ हैं.

आरजेडी नेता सुनील कुमार ने से बात करते हुए कहा कि सदन में नीतीश कुमार ने सारे लोकतांत्रिक मूल्यों की तिलांजलि दे दी है. उनका एक ही मकसद था कि वह डॉ. सुनील कुमार को नहीं देखना चाहते. क्योंकि मैं भ्रष्टाचार को उजागर करता हूं, पलायन की बात करता हूं. शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार की बात करता हूं.

पूर्व एमएलसी ने कहा कि कार्रवाई नीतीश कुमार पर होना चाहिए था. क्योंकि जिस प्रकार से उन्होंने महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था. महिलाओं को लेकर दोनों सदनों में उनके बयान की प्रधानमंत्री ने भी आलोचना की थी. नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी जैसे अनुसूचित जाति के व्यक्ति को अपमानित करने का काम किया. हमको लगातार धमकाया जा रहा था. तो ऐसे में कार्रवाई तो नीतीश कुमार पर होना चाहिए. उन्होंने कहा, इस देश में समाजवादी चोला पहनकर नीतीश कुमार जैसा भ्रष्टाचारी नेता कोई नहीं है.

आरजेडी नेता ने पार्टी के स्टैंड को लेकर कहा, जिस प्रकार से आरजेडी में सम्मान मिलता है. उसके सामने ऐसे 10 एमएलसी पद कुर्बान है. नीतीश कुमार सदन में रोक सकते हैं, लेकिन सड़क पर बोलने से नहीं रोक सकते. भ्रष्टाचार को लेकर लगातार वह सवाल उठाते रहेंगे. अब नीतीश कुमार को हम सपने में आएंगे.

सुनील कुमार ने कहा कि हम लोग प्रतिशोध की भावना से कोई कार्रवाई नहीं करते हैं. पूरी दुनिया जानती है कि लालू यादव जैसा दयालु नेता कोई नहीं है. मुख्यमंत्री जी हमको धूल चटाने की चेष्टा में लगे रहते हैं, लेकिन आरजेडी का लाखों-करोड़ों कार्यकर्ता मेरे साथ है.

बता दें कि राजद के एमएलसी सुनील सिंह की विधान परिषद की सदस्यता शुक्रवार को समाप्त कर दी गई थी. सुनील सिंह के खिलाफ यह कार्रवाई प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नकल करने के मामले में की गई थी. यह फैसला विधान परिषद की आचार समिति की रिपोर्ट के बाद लिया गया था. राजद एमएलसी पर आरोप था कि उन्होंने सदन में असंसदीय और अमर्यादित व्यवहार किया. विधान परिषद की आचार समिति की रिपोर्ट आने के बाद सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सुनील सिंह की सदस्यता रद्द करने के आदेश दिए थे.

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