राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की चौथी वर्षगांठ पर ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ आयोजित

नई दिल्ली, 29 जुलाई . शिक्षा मंत्रालय ने अखिल भारतीय शिक्षा समागम-2024 के साथ सोमवार को दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चौथी वर्षगांठ मनाई.

इस दौरान शिक्षा मंत्रालय की एनईपी 2020 से जुड़ी अनेक महत्वपूर्ण पहलों का शुभारंभ किया गया. इनमें विभिन्न भारतीय भाषाओं को सीखने की सुविधा के लिए समर्पित टीवी चैनल, एक तमिल चैनल, स्कूल में बैग के बिना 10 दिन के दिशानिर्देश, करियर मार्गदर्शन दिशानिर्देश, 500 से अधिक जॉब कार्डों का एक विशाल पुस्तकालय, ब्रेल और ऑडियो पुस्तकों में एनएमएम (राष्ट्रीय मार्गदर्शन मिशन) शामिल हैं.

छात्रों और शिक्षकों के बीच भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चार पुस्तकों और व्याख्यान नोट्स का भी अनावरण किया गया.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने संदेश में कहा कि एनईपी 2020 की चार साल की यात्रा देश की शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी बदलाव ला रही है. इससे शिक्षार्थियों की नई पीढ़ी का पोषण हो सकेगा. उन्होंने यह भी कहा कि एनईपी 2020 सीखने के परिदृश्य को बदलने, देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का उपयोग करने, आबादी को सशक्त बनाने और सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने की आशा का प्रतीक है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने देश को 21वीं सदी की ज्ञान अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एनईपी को अक्षरश: लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने समारोह में केंद्रीय विद्यालय संगठन के छात्रों द्वारा ‘पंच प्राण’ के संगीतमय प्रदर्शन की भी सराहना की, जो प्रधानमंत्री मोदी की कल्पना से प्रेरित था.

शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने ‘अपार’ आईडी के प्लेटफॉर्म का उपयोग करके कौशल सहित सभी प्रकार की शिक्षा के ऋण संचयन और निर्बाध ऋणीकरण पर एक प्रस्तुति दी.

अखिल भारतीय शिक्षा समागम (एबीएसएस) की अवधारणा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अपनाने का जश्न मनाने के लिए एक कार्यक्रम के रूप में की गई है, ताकि इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विभिन्न हितधारकों की प्रतिबद्धता को फिर से मजबूत किया जा सके और सहयोगी प्रयासों के माध्यम से साझा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सामूहिक शक्ति का एहसास हो सके. एबीएसएस 2024 में स्कूलों और उच्च शिक्षा से संबंधित एनईपी 2020 के विभिन्न विषयों और पहलों पर छह विषयगत सत्र आयोजित किए गए.

इनमें शिक्षा पाठ्यक्रम, नौकरी की संभावनाओं, उद्योग-अकादमिक सहयोग में स्थिरता का महत्व, पीएम श्री (स्कूल शिक्षा एवं कौशल विकास), विद्याशक्ति के माध्यम से एसटीईएम को बढ़ावा देने और जीईआर को बढ़ाने में उच्च शिक्षा संस्थानों की भूमिका, सभी स्कूल बोर्डों में पाठ्यक्रम और मूल्यांकन की समानता, गुणवत्ता बढ़ाने में रैंकिंग और मान्यता की भूमिका व एनसीएफ-एफएस और एनसीएफ-एसई की मुख्य विशेषताएं और कार्यान्वयन रोडमैप शामिल हैं.

जीसीबी/एबीएम