लोकसभा में सपा सांसद डिंपल यादव ने किसानों के मुद्दों पर सरकार को घेरा

नई दिल्ली, 29 जुलाई . उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने सोमवार को लोकसभा में किसान, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दे उठाये.

यादव ने बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि हमारा देश किसान प्रधान और कृषि प्रधान है. लेकिन, हम किसान और युवाओं का भविष्य सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं. मुझे लगता है कि हम अपने फर्ज से डगमगा रहे हैं.

उन्होंने कहा, “हाल ही में पेश बजट में वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) ने नौ प्राथमिकताओं की बात कही जिसमें कृषि को पहला स्थान दिया गया. मैं पूछना चाहती हूं कि कृषि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर क्या है? सरकार ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेंगे, उस वादे का क्या हुआ? एमएसपी का वादा किया गया. मैं पूछना चाहूंगी कृषि मंत्री से कि कृषि के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कितना बजट दिया जा रहा है? उत्तर प्रदेश को इस बजट के तहत क्या मिला है? क्या एक भी मंडी उत्तर प्रदेश में बनी है? किसानों की जरूरतों के संबंध में क्या सरकार ने जीएसटी में माफी की है? खाद्य में सब्सिडी देने में क्या सरकार कायम रह पाई है?”

सपा सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के समय प्रदेश की जनता को, किसानों को भरोसा दिलाया था कि आवारा मवेशियों से निजात दिलाएंगे. आज आवारा मवेशियों की समस्या की वजह से हमारा पूरा देश चौकीदार बन गया है. क्या इसकी समस्या से निजात दिलाने के लिए क्या बजट में प्रावधान रखा गया है.

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में लगभग 700 किसानों ने अपनी जान गंवाई. उत्तर प्रदेश की लखीमपुर खीरी में किसानों को रौंदा गया. वर्ष 2014 से 2022 तक लगभग एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है.

उन्होंने कहा, “वित्त मंत्री बताएं कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को कितना लाभ कितना मिला. यदि इसमें गिरावट आई है तो कितनी गिरावट आई है. यह सरकार एक दशक से किसानों की अवहेलना कर रही है. गांव की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. इसकी एक बड़ी वजह महंगाई है.”

डिंपल यादव ने कहा कि मनरेगा के लिए सरकार ने 89 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया है. उन्होंने मनरेगा में 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित करने और इसका बजट 20 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की.

उन्होंने कहा कि शिक्षा बजट भी लगातार घट रहा है. इस मद में केवल ढाई प्रतिशत आवंटन किया गया है. सस्ती शिक्षा देने की बजाय सरकार शिक्षा का बजट कम कर रही है.

उन्होंने कहा, “मैं समझती हूं कि इनकी नीयत साफ नहीं है. हमारे देश का युवा निराश है. युवाओं से जो वादे किए गए थे रोजगार को लेकर, सरकार उसमें पूरी तरह विफल रही है और लगातार बेरोजगारी दर बढ़ रही है. आज बेरोजगारी दर 9.2 प्रतिशत है. महिलाओं के मामले में यह 18.5 प्रतिशत है.”

सपा सांसद ने आरोप लगाया कि इस सरकार ने लगातार युवाओं का मनोबल गिराने का काम किया है. अग्निपथ योजना लाकर उसने देश की प्रतिष्ठा को गिराने का काम किया है. सरकार जातिगत गणना से मुंह मोड़ रही है. अनुसूचित-जनजाति पर अपराध बढ़ गए हैं.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध में नंबर 1 पर है. महिलाओं के साथ जघन्य अपराध बढ़ गए हैं. स्वास्थ्य क्षेत्र में डॉक्टरों, नर्सों सहित मेडिकल स्टाफ की घोर कमी है. शिक्षा के क्षेत्र में भी शिक्षकों की भार कमी है.

डीकेएम/एकेजे