लोकसभा में भी गूंजा मनु भाकर का नाम, स्पीकर ने दी बधाई, बोले हमें उन पर नाज

नई दिल्ली, 29 जुलाई . लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर वैश्विक मंच पर देश का मान बढ़ाने वाली मनु भाकर को बधाई दी. उन्होंने कहा कि भाकर ने कांस्य पदक जीतकर वैश्विक मंच पर भारत का मान और सम्मान बढ़ाया है और इसके लिए वे बधाई की पात्र हैं.

लोकसभा स्पीकर ने कहा, “ मनु भाकर ने 28 जुलाई को पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. ऐसा करके वह ‘निशानेबाजी प्रतिस्पर्धा’ में ओलंपिक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गईं. उनकी सफलता से पूरे देश में खुशी और उमंग का माहौल है. हम सबको उन पर नाज है. उन्होंने जिस तरह से देश का नाम वैश्विक मंच पर ऊंचा किया है, उसकी जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है. हम सदन की ओर से उन्हें बधाई देते हैं. इसके अलावा, हम शेष खिलाड़ियों से भी यही उम्मीद करते हैं कि वो इसी तरह पेरिस ओलंपिक में पदक जीतकर वैश्विक मंच पर देश का नाम ऊंचा करेंगे. हमारे खिलाड़ी लगातार वैश्विक मंच पर तिरंगा लहरा रहे हैं. इसके लिए उनकी तारीफ कर उनका हौसला बढ़ाना चााहिए.”

निशानेबाज मनु भाकर ने रविवार को 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में कांस्य पदक जीतकर प्रत्येक भारतवासी का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. 12 साल बाद किसी भारतीय खिलाड़ी ने पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया है. मनु भाकर के मेडल जीतने की खबर मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात की. पीएम मोदी ने उनसे कहा कि आपकी मेहनत रंग लाई है.

प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे पूरी उम्मीद है कि आप आगे की स्पर्धाओं में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगी. मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर 12 साल के इंतजार को खत्म कर दिया. इसके साथ ही वो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गई.”

पीएम मोदी ने टोक्यो ओलंपिक का जिक्र करते हुए कहा, “वहां गोली ने आपके साथ दगाबाजी कर दी थी, लेकिन आपने उन कमियों को पूरा कर इतिहास रच दिया. ऐसा करके आपने अपने जैसे अन्य खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया, जो कि कई बार हार की वजह से हिम्मत तोड़ देते हैं, लेकिन आपकी खास बात यह रही कि आपने अपनी हार को जीत में बदलकर ही दम लिया.”

बता दें कि इसी पेरिस ओलंपिक में पिस्टल में गड़बड़ी आने के बाद मनु भाकर रोती हुई बाहर हुई थीं, लेकिन अपनी हार से प्रेरणा लेते हुए जब उन्होंने मेडल जीतकर देश का मान और नाम बढ़ाया है, तो सभी लोग उनके इस जज्बे को सलाम करने के लिए मजबूर हो गए.

एसएचके/केआर