ममता बनर्जी के साथ जो हुआ, वह ठीक नहीं है : संजय राउत

मुंबई, 28 जुलाई . पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीति आयोग के संचालन परिषद की शनिवार को हुई बैठक में उनका माइक बंद करने का आरोप लगाया था. शिवसेना-यूबीटी के नेता संजय राउत ने इसे लोकतंत्र की शोभा के विपरीत बताया है.

राउत ने यहां रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य की मुख्यमंत्री का माइक बंद करना, उन्हें अपमानित करना यह लोकतंत्र को शोभा नहीं देता है. राज्यसभा और लोकसभा में हमारे माइक बंद किए जाते हैं. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने एक राज्य की मुख्यमंत्री को बोलने से रोकना ठीक नहीं है.”

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में शामिल होने वाली ‘इंडिया’ ब्लॉक की एकमात्र मुख्यमंत्री थीं. ब्लॉक के अन्य दलों ने बैठक का बहिष्कार किया था. लेकिन, ममता बनर्जी बीच बैठक में बाहर चली आईं. उन्होंने आरोप लगाया कि जब उनकी बारी आई तो उनका माइक बीच में ही बंद कर दिया गया.

संजय राउत ने कहा, “पंडित नेहरू ने जिस योजना आयोग की स्थापना की थी. उसका नाम बदलकर इन लोगों ने नीति आयोग कर दिया. जो लोग खुद नीति से राजनीति नहीं करते उन्होंने संस्था का नाम नीति आयोग बना दिया.”

शिवसेना-यूबीटी नेता ने कहा कि नीति आयोग का काम देश के लिए आर्थिक, औद्योगिक, शिक्षा सहित सभी के बारे में एक दिशा देना, योजना देना होता है. लेकिन, नीति आयोग में भाजपा का राज है. जिस तरह से बजट बना है, उसी तरह नीति आयोग भी काम कर रहा है – जहां भाजपा की सरकार है, वहां पैसा देना है.

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चली गईं, लेकिन, उन्हें बोलने नहीं दिया गया.

संजय राउत ने आगे कहा कि केंद्र सरकार को सभी राज्यों की मदद करनी चाहिए. केंद्र सरकार अगर कुर्सी बचाने के लिए आंध्र प्रदेश और बिहार को भर-भरकर पैसा देती है तो यह अधिकार सभी राज्यों का है. यह पैसा केंद्र सरकार का नहीं है और न ही यह पैसा पीएम मोदी, अमित शाह के गुजरात से आता है. यह पैसा देश की जनता का है. महाराष्ट्र को क्या मिला. मुख्यमंत्री गए थे, दाढ़ी पर हाथ फेरकर आ गए.

डीकेएम/एकेजे