नई दिल्ली, 27 जुलाई . लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा. उन्होंने लोकसभा में संसदीय आचरण के गिरते मानकों को लेकर चिंता जताई.
उन्होंने कहा कि मंत्री विपक्षी सांसदों के खिलाफ ‘अपशब्द’ और ‘धमकी भरे बयान’ दे रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने लगातार संसद की प्रक्रियाओं, परंपराओं और शिष्टाचार की अनदेखी की है, जिससे विपक्ष की आवाज को कोई जगह नहीं मिल रही है.
उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि ऐसे निंदनीय बयान देने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए. गौरव गोगोई ने अपने पत्र में तीन उदाहरण भी पेश किए.
25 जुलाई को सांसद निशिकांत दुबे ने सांप्रदायिक भाषा का उपयोग किया.
25 जुलाई को राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ ‘अपशब्द’ कहे.
26 जुलाई को केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ धमकी भरे बयान दिए.
उन्होंने कहा कि संसद में सभी सदस्यों को समान रूप से अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की आवाज़ उठाने की जिम्मेदारी है और मतभेदों को सम्मानजनक तरीके से सुना जाना चाहिए. यह देखना निराशाजनक है कि सदन में संसदीय कार्य मंत्री अपने सहयोगियों को नियंत्रित नहीं कर पाए. सदन का सुचारू संचालन सुनिश्चित करना सामूहिक जिम्मेदारी है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि सरकार सक्रिय और सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाए. सदन के प्रत्येक सदस्य को अपने मतदाताओं की आवाज का प्रतिनिधित्व करने की समान जिम्मेदारी है. मतभेद का परिणाम अनादर नहीं होना चाहिए.
उन्होंने आगे लिखा कि सदन के संरक्षक के रूप में हम आपसे आचार संहिता को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने की अपेक्षा करते हैं कि कोई भी सदस्य, चाहे वह सत्ता पक्ष हो या विपक्ष का, वह संसद के मानदंडों का उल्लंघन न करे. मैं आपसे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह करता हूं.
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पीएसके/एबीएम