पाकुड़, 27 जुलाई . झारखंड के पाकुड़ जिला मुख्यालय स्थित केकेएम कॉलेज के हॉस्टल में शुक्रवार रात पुलिसकर्मियों ने करीब एक दर्जन छात्रों की बुरी तरह पिटाई की. 10 से ज्यादा ज्यादा छात्र घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए पाकुड़ सदर हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया है.
छात्रों ने झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ शनिवार को आक्रोश रैली निकालने का ऐलान किया था. आरोप है कि पुलिस अफसरों ने देर रात हॉस्टल पहुंचकर रैली रोकने का दबाव डाला. इनकार करने पर लाठी-डंडों से उनकी जमकर पिटाई की गई.
दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि एक व्यक्ति के अपहरण की सूचना पर मोबाइल लोकेशन की जांच करते हुए पुलिस टीम हॉस्टल पहुंची थी, तब उनपर छात्रों ने हमला कर दिया.
छात्र नेता कमल मुर्मू ने मीडिया को बताया कि पहले से निर्धारित आक्रोश रैली को रोकने के लिए बीती रात करीब साढ़े दस बजे एक पुलिस पदाधिकारी हॉस्टल में आए और उनसे कहा कि रैली नहीं निकलनी चाहिए. छात्रों ने इससे इनकार कर दिया. इसके बाद रात करीब एक बजे 100 से भी ज्यादा पुलिस अफसर और जवान लाठी-डंडे लेकर हॉस्टल पहुंचे और छात्रों के कमरे खुलवाकर पिटाई की.
पाकुड़ नगर थाना प्रभारी सह पुलिस निरीक्षक अनूप रोशन भेंगरा का कहना है कि अपहरण के मामले में जांच के लिए सब इंस्पेक्टर नागेंद्र कुमार के साथ पुलिस टीम ह़ॉस्टल पहुंची थी, तब वहां मौजूद कुछ युवकों ने उनपर हमला कर दिया. इसमें एक पुलिस अफसर और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गए.
दूसरी बार पुलिस हमलावरों को पकड़ने गई तो हल्का बल प्रयोग किया गया.
इधर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ आवाज उठाने से हेमंत सरकार इस तरह बौखला गई है कि छात्रों पर हमले कराया जा रहा है.
बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया ‘एक्सट पर लिखा, “बांग्लादेशी मुसलमानों के अवैध घुसपैठ के विरुद्ध प्रदर्शन करने वाले युवा छात्रों की कल देर रात हेमंत सरकार की पुलिस ने छात्रावास में घुसकर बर्बरतापूर्ण पिटाई की है. छात्रों के ऊपर हुए इस कायराना हमले की वीभत्स तस्वीरें विचलित करने वाली हैं.”
मरांडी ने हेमंत सोरेन को संबोधित करते हुए लिखा, “अपनी मां-बहनों की रक्षा के लिए घुसपैठ के खिलाफ आवाज उठाने वाले युवा छात्रों पर अत्याचार और बाहरियों पर इतना प्रेम बरसाने की वजह क्या है? बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड की अस्मिता और अस्तित्व के लिए खतरा बने हुए हैं. इन्हें संरक्षण देकर आप प्रदेश की साढ़े तीन करोड़ जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. इस घटना में संलिप्त जितने भी पुलिसवाले शामिल हैं, उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कठोर कारवाई करें.‘
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एसएनसी/