हिंदू और हिंदुत्व जैसे उदार मन वाला कोई नहीं है : मोरारी बापू (आईएएनएस विशेष)

नई दिल्ली, 24 जुलाई . आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू ने बुधवार को विपक्ष के ‘हिंदू हिंसक’ वाले बयान पर जवाब दिया. से खास बातचीत करते हुए मोरारी बापू ने कहा कि वेदकाल से लेकर आज तक पूरा इतिहास गवाह है कि हिंदू और हिंदुत्व जैसे उदार मन वाला कोई नहीं है. हमें कोई और उपासना पद्धति का नाम नहीं लेना है.

उन्होंने कहा कि व्यावहारिक देखिए ज्यादा से ज्यादा किस विचारधारा में ज्यादा हत्या हुई दुनिया में. हिंदुत्व तो आकाश जैसा उदार है. मगर, सब अपने-अपने विचार पेश करते हैं. लेकिन, हिंदू जैसा उदार कोई नहीं है, सनातन धर्म जैसा कोई उदार नहीं है. इसका मतलब कोई निम्न है, ऐसा नहीं है. इस उदारता के कारण भारत अभी टिका है. वरना, भारत पर शताब्दियों से हमले होते रहे हैं. शताब्दियों तक धर्मावलंबियों ने शासन किया है, फिर भी हम टिके हैं, फिर भी हम सलामत हैं.

मोरारी बापू ने कहा कि हम चींटी को कण-कण चीनी देते हैं, कबूतर को दाना देते हैं, वो (हिंदू) कैसे हिंसक हो सकते हैं. अपवाद कोई हो, वो अलग बात है. लेकिन, समग्र सनातन, हिंदू और हिंदुत्व को किसी रूप में किसने कैसे कहा, मुझे नहीं पता है. मैं सनातन धर्म की संतान के रूप में कह सकता हूं कि हमारी वैदिक परंपरा जैसी उदार परंपरा हमने तो नहीं देखी.

कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर जारी घमासान पर मोरारी बापू ने कहा कि ये यात्रा लोगों की श्रद्धा की यात्रा है, यहां कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है. मैंने कांवड़ यात्रा हर प्रांत में देखी है, ज्योर्तिलिंग के समय भी हम जा रहे थे, कांवड़ यात्रा निकली थी, मैंने भी इसमें भाग लिया था. राजनीति और राजकीय क्षेत्र मेरा क्षेत्र नहीं है. लेकिन, ये श्रद्धा की यात्रा है. इसको विवाद का मुद्दा नहीं बनाया जाए.

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि लोग इतने भाव से महादेव का अभिषेक करने के लिए कितनी श्रद्धा से ‘बम भोले-बम भोले’ के जयकारे लगाते हुए जा रहे होते हैं. हर चीज को देश में राजनीति का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए, बल्कि श्रद्धा को आगे बढ़ाना चाहिए. सही-गलत का कोई प्रश्न नहीं है. मेरी दृष्टि में, क्योंकि यह क्षेत्र मेरा नहीं है. कोई विवाद में जाना नहीं और जिसमें पक्की श्रद्धा है, वह जान ही लेगा कि मुझे किस तरह आगे बढ़ाना चाहिए. कृपया कोई इसको राजनीतिक मुद्दा ना बनाएं.

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