नई दिल्ली, 23 जुलाई . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट पेश किया. इससे पहले, उन्होंने फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था. अब तक वो बतौर वित्त मंत्री सात बजट पेश कर चुकी हैं. वहीं, उनके इस बजट पर पूरे देश की निगाहें लगी हुईं थीं. इस बजट में समाज के विभिन्न तबकों के हितों का विशेष ध्यान रखा गया है. इस पर अब विभिन्न क्षेत्रों के लोग अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं. लगभग सभी ने बजट को शानदार बताया है.
बजट को लेकर भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका के कंट्री हेड, बायर उपभोक्ता स्वास्थ्य प्रभाग संदीप वर्मा ने से बातचीत की. उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य उद्योग में मौजूदा समय में उपभोग में विषमता एक समस्या बनकर उभर रही है. इससे कोई अछूता नहीं है. मुझे बजट को देखकर ऐसा लग रहा है कि अगर इसमें कही गई बातों को जमीन पर उतारा जाता है, तो इससे स्वास्थ्य उद्योग में तेजी देखने को मिलेगी. इसके अलवा, किसानों, महिलाओं और युवाओं के हितों का भी विशेष ध्यान इस बजट में रखा गया है. उधर, बाजार में तेजी लाने के लिए भी बजट में कई सराहनीय कदम उठाए गए हैं, जिसकी मैं प्रशंसा करता हूं. अब बस इस बजट में कही गई बातों को जमीन पर उतारे जाने की जरूरत है. अगर हम ऐसा करते हैं, तो मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि इससे हमारी अर्थव्यवस्था में नई तेजी देखने को मिलेगी.”
वारी एनर्जी लिमिटेड के सीईओ अमित पैठणकर ने भी बजट को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने से बातचीत में कहा, “मुझे ऐसा लगता है कि बजट में ऊर्जा क्षेत्र में तेजी लाने के मकसद से कई कदम उठाए गए हैं और यह जानकर खुशी मिली है कि ऊर्जा क्षेत्र को बजट में विशेष स्थान प्रदान किया गया है. खासकर पीएम सूर्य घर योजना विकास में तेजी लाने की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है. यह योजना वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता की सूची में शुमार रहा है. अब इसे बजट में भी विशेष स्थान दिया गया है. कई लोगों ने बीते दिनों इसे लेकर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया भी व्यक्त की थी. मैं इस बजट को अच्छा कहूंगा, क्योंकि यह हमारी इंडस्ट्री को आगामी दिनों नई ऊर्जा से भरने जा रहा है.”
उधर, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हेमंत जैन ने भी बजट को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, “यह बजट बहुत ही अच्छा है. सरकार ने इस बजट के जरिए सभी को कुछ न कुछ सौगात देने का प्रयास किया है, जिसकी मैं तारीफ करता हूं. कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि इस बजट में सभी के हितों का विशेष ख्याल रखा गया है. मैं यह कहूंगा कि यह लोकलुभाना है, क्योंकि इसमें किसानों से लेकर महिलाओं और युवाओं को भी कुछ न कुछ देने का प्रयास किया गया है, जिसका हम सभी खुलकर स्वागत करते हैं. वित्त मंत्री ने खुद अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया है कि सभी लोगों का हित ही हमारी प्राथमिकता है. कुल मिलाकर मैं यही कहूंगा कि यह बजट शानदार है. अब सिर्फ बजट में कही गई बातों को जमीन पर उतारे जाने की जरूरत है, जो मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में होकर रहेगा. इससे पहले, जब वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट पेश किया था, तब भी समाज के विभिन्न तबके के लोगों का विशेष ख्याल रखा गया था और अब जब लोकसभा चुनाव संपन्न होने क बाद केंद्र सरकार ने बजट पेश किया है, तब भी सभी लोगों के हितों का विशेख ख्याल रखा गया है.”
एसोचैम चंडीगढ़, यूटी विकास परिषद और सीएफओ के अध्यक्ष राकेश भल्ला ने भी बजट को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने से कहा, “बजट पेश होने से पहले ही यह कहा जा रहा था कि इसमें लोकसभा चुनाव के नतीजों का असर देखने को मिलेगा, जो हमें देखने को भी मिला है. सबसे पहले इस बजट में रोजगार और कौशल को निखारने की दिशा में विशेष ध्यान रखा गया है. रोजगार को लेकर हमेशा से ही विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं, इसका बजट में विशेष ख्याल रखा गया है. पूंजीगत निवेश को भी बढ़ाने की बात बजट में कही गई है. अगर ऐसा होता है, तो इससे रोजगार के भी साधन बढ़ेंगे. उधर, कृषि क्षेत्र पर भी बजट में विशेष ध्यान रखा गया है. इससे हमारे किसान भाइयों को खास ख्याल रखा गया है, लेकिन मुझे लगता है कि इस बजट में ऑटो सेक्टर में कोई खास रियायतें नहीं दीं गई हैं, लेकिन मुझे लगता है कि आगामी दिनों में शायद सरकार इस दिशा में कोई कदम उठाए.”
पीएचडीसीसीआई की सह-अध्यक्ष डॉ. पल्लवी दिनोदिया गुप्ता ने कहा, “बजट पेश होने से पहले ही हम सभी लोगों की यह उम्मीद थी कि मौजूदा समय में जिस तरह से आम लोग बढ़ती महंगाई से परेशान हैं, उससे निजात दिलाने की दिशा में बजट में प्रावधान किया जाए और किस तरह से आम लोगों की आय में इजाफा करना है, इस दिशा में कोई कदम उठाया जाए, जो बजट में बखूबी देखने को मिला है. इस बजट में लोगों के हितों का विशेष ध्यान रखा गया है और इसके अलावा कई लोकलुभावन वादे भी किए गए हैं, जिन्हें जमीन पर उतारे जाने की जरूरत है.”
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