इंदौर, 22 जुलाई . मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में 22 जुलाई को धार भोजशाला मामले की सुनवाई हुई. इससे पहले 15 जुलाई को 2000 पन्नों की एएसआई रिपोर्ट पेश की गई थी. उच्च न्यायालय ने भोजशाला प्रकरण को लेकर संबंधित पक्षों को सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन का इंतजार करने को कहा है.
हिंदू फोरम फॉर जस्टिस की तरफ से याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया, “मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के जस्टिस धर्माधिकारी और जस्टिस रमन कांत की पीठ ने भोजशाला प्रकरण की सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई अंतरिम रोक को हटाने के लिए हमने एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है. मामले में 30 जुलाई को सुनवाई होगी. अब 30 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही हाईकोर्ट फैसला देगा.”
हिंदू पक्षकार के वकील, शिशिर दुबे ने भोजशाला प्रकरण को लेकर इंदौर खंडपीठ में हो रही सुनवाई को लेकर बताया, “सुनवाई में कुछ पक्षों की कॉपी रिसीव नहीं होने की स्थिति में हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी की कॉपी रिसीव कराई जाए. मुस्लिम पक्ष द्वारा मामले में सुनवाई जारी रखनेे की मांग पर हाईकोर्ट ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद ही हम सुनवाई कर सकते हैं. साथ ही हिंदू पक्ष से भी कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के बाद हमें अवगत कराएं, सभी मामलों में एक साथ सुनवाई होगी.”
इससे पहले 15 जुलाई को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में भोजशाला प्रकरण की सुनवाई हुई थी. इस दौरान एएसआई ने हाईकोर्ट को 2000 पन्नों की भोजशाला सर्वे रिपोर्ट पेश की थी.
गौरतलब है कि भोजशाला मंदिर था या मस्जिद इसको लेकर लंबे अरसे से विवाद चल रहा है. यहां मंगलवार को पूजा होती है और शुक्रवार को नमाज अदा की जाती है. यह मामला उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में पहुंचा, जिसने एएसआई को सर्वे का आदेश दिया. एएसआई ने 22 मार्च से सर्वे शुरू किया और 27 जून तक चला.
एएसआई ने सर्वे के दौरान खुदाई कराई, इसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की गई. साथ ही इसमें ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार (जीपीआर)और ग्लोबल सिस्टम(जीपीएस) की सहायता भी ली गई. सर्वे के दौरान एएसआई को 1700 से ज्यादा अवशेष मिले. भोजशाला के मंदिर होने का दावा करने वाली भोजशाला मुक्ति यज्ञ के पदाधिकारी ने कहा है कि सर्वे के दौरान एएसआई को जो पुरा- अवशेष मिले हैं, वे भोजशाला के मंदिर होने का प्रमाण हैं.
जो 37 मूर्तियां मिली हैंं, उनमें भगवान कृष्ण ,हनुमान, शिव, ब्रह्मा, वाग देवी, गणेश, पार्वती, भैरवनाथ आदि देवी देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं.
–
एससीएच/