बिहार में ‘जंगल राज’ में अपराध व आज की घटनाओं को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोर आजमाइश!

पटना, 22 जुलाई . बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है. विपक्ष जहां हाल की घटनाओं को लेकर सरकार को घेर रहा है, वहीं सत्ता पक्ष राजद के शासनकाल में चर्चित आपराधिक घटनाओं की कहानियां सुना रहा है.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद ही अपराधिक घटनाओं को लेकर सरकार को घेरने की शुरुआत कर दी. इस दौरान तेजस्वी सोशल मीडिया पर क्राइम बुलेटिन जारी करते रहे. इस बुलेटिन में प्रदेश में हाल की आपराधिक घटनाओं का जिक्र किया.

यही नहीं, वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी के पिता की हत्या की घटना को विपक्ष ने अपना बड़ा हथियार बनाया और विपक्ष के नेता गिरती कानून व्यवस्था का आरोप लगाकर सड़कों पर उतरे. पटना सहित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में विपक्ष के नेताओं ने प्रतिरोध मार्च निकाला.

सत्ता पक्ष ने इस प्रतिरोध मार्च को लेकर यहां तक कहा कि राजद को पहले जंगलराज के लिए प्रदेश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए.

इधर, सत्ता पक्ष एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं ने राजद शासनकाल को याद दिलाते हुए उस समय की घटनाओं की चर्चा की. कहा जा रहा है कि विपक्ष एक खास रणनीति के तहत विधि व्यवस्था को मुद्दा बनाने में जुटा है.

बिहार की राजनीति के जानकार अजय कुमार कहते हैं कि राजद यह जानता है कि सत्ता पक्ष जंगल राज को प्रदेश की जनता को याद करके राजद और कांग्रेस को घेरता रहा है. यह तय है कि विपक्ष इससे बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष लोगों के बीच यह साबित करने में जुटा है कि राजद के शासनकाल से इस दौरान आपराधिक घटनाएं ज्यादा हो रही हैं. इस दौरान पुलिस मुख्यालय द्वारा एक आंकड़ा जारी किया गया, जिसमें यह दावा किया गया कि पूर्व की तुलना में आपराधिक घटनाएं कम हो रही हैं.

जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि विपक्ष हवा हवाई है. प्रतिपक्ष के नेता कथित अपराध बुलेटिन जारी करते हैं उसमें भी उनके पास सही जानकारी नहीं है.

उन्होंने कहा कि राजद के शासनकाल में नरसंहार का दौर था, उसे लोग भूले नहीं हैं. जो भी घटनाएं होती हैं उस पर कार्रवाई होती है, अपराधी गिरफ्तार होते हैं.

एमएनपी/