एमपी में उठी दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगाने की मांग, कांग्रेस बोली- दलितों के खिलाफ है यह कदम

भोपाल, 21 जुलाई . उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बाद अब मध्य प्रदेश में भी दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है. भाजपा के कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर दुकान मालिकों के नाम दुकान के बाहर लगाए जाने की मांग की है.

हालांकि, मध्य प्रदेश की कांग्रेस इकाई ने भाजपा विधायकों की मांग का विरोध जताया है. एमपी कांग्रेस के प्रवक्ता मिथुन अहिरवार ने इस मांग को दलितों के खिलाफ बताया.

मिथुन अहिरवार ने कहा, “भाजपा विधायक की मांग आपत्तिजनक है. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि देश और प्रदेश में दलितों को पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ता है. कई जगह ऐसी घटनाएं सामने आई हैं कि स्कूलों में दलित महिलाओं द्वारा बनाए गए भोजन को बच्चों ने खाने से मना कर दिया. यह कदम दलितों के खिलाफ है.”

कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को एक पत्र लिखा है. इसमें भाजपा विधायक के दुकान के बाहर नेम प्लेट लगाने की मांग का विरोध जताया गया है.

उन्होंने पत्र में लिखा कि भाजपा की जाति और धर्म की राजनीति कोई नई बात नहीं है. लेकिन, उत्तर प्रदेश मॉडल का अनुसरण मध्य प्रदेश में भी होना, यह मध्य प्रदेश के लिए चिंताजनक विषय है. उत्तर प्रदेश में ठेले पर ठेलेवाले का नाम लिखने के निर्णय का आपके सहयोगी दलों ने भी विरोध किया है. आपके एक विधायक के द्वारा मध्य प्रदेश में भी यही कृत्य करने की मांग की गई है, जिसका दलित समाज एवं कांग्रेस पार्टी की ओर विरोध किया जाता है.

उन्होंने आगे कहा, “कई बार दलित समाज के लोग जो भोजन बनाने की व्यवस्था में लिप्त हैं, उनको पूर्वाग्रह की नजर से देखा जाता है. मध्य प्रदेश समेत पूरे देश मे उदाहरण हैं, जहां मिड डे मील में दलित महिलाओं द्वारा बनाया भोजन खाने से बच्चों ने इनकार कर दिया. इसी देश में बिरयानी बेचते एक युवक की तब पिटाई कर दी गई, जब लोगों को पता चल कि वह दलित है.”

पत्र में कहा गया, “किसी के नाम से यह पता नहीं चलता है कि भोजन शुद्ध शाकाहारी है या मांसाहारी. समाज के लोग सभी तरीके के भोजन की प्राथमिकताएं रखते हैं. अगर पहले नाम का जिक्र किया जाए तो गुड्डू, मुन्ना, लकी, जैसे नाम इनसे किसी के धर्म या जाति का पता नहीं चलता है. आगे जाकर हो सकता है मांग की जाए कि पूरा नाम सरनेम सहित लिखा जाए. मैं आप से मांग करता हूं कि आपके विधायक की मांग को खारिज किया जाए और मध्य प्रदेश में ऐसी घृणित राजनीति को स्थान न दिया जाए.”

एफएम/एबीएम