लखनऊ, 19 जुलाई . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर नियोजन विभाग के अधिकारियों के साथ ‘जिला घरेलू उत्पाद अनुमान उत्तर प्रदेश 2022-23 पुस्तिका’ के प्रकाशन के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि फैमिली आईडी के माध्यम से डाटा एकत्रीकरण के कार्य को आगे बढ़ाया जाए. डाटा को बेहतर तरीके से एकत्र किया जाए तथा इसके अद्यतन डाटा को समय पर अपलोड कराया जाए. डाटा संग्रहण के कार्य में लगे लोगों का उचित प्रशिक्षण कराया जाए. जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र का बेहतर डाटाबेस तैयार किया जाए. उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्ष 2023-24 में 25.48 लाख करोड़ रुपए रहा है, जो वर्ष 2022-23 में 22.58 लाख करोड़ रुपए था. वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत की वृद्धि से आगे बढ़ रही है.
उन्होंने कहा कि इस पुस्तिका में उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी, जनपद की जीडीपी व प्रदेश में प्रतिशत अंश एवं जनपद व प्रदेश की वार्षिक वृद्धि, जनपद की प्रति व्यक्ति आय, उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय, जनपद और उत्तर प्रदेश की तुलनात्मक स्थिति जैसे आंकड़ों का समावेश किया जाए. जिला घरेलू उत्पाद अनुमान पुस्तिका के आंकड़ों को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों व कृषि विज्ञान केंद्रों को भी प्रेषित किया जाए तथा उनसे संवाद स्थापित करते हुए इन आंकड़ों के आधार पर शोध कार्य आगे बढ़ाए जाएं.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार विलेज जीडीपी, डिस्ट्रिक्ट जीडीपी की दिशा में आगे बढ़ रही है, क्योंकि हमारी पंचायतें व नगरीय निकाय हमारा आधार हैं. कृषि क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं. पंचायतों व नगरीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. विगत सात वर्षों में उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं तथा अर्बनाइजेशन भी तेजी से बढ़ा है. इससे लोगों की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हुई है. प्रदेश में बीते सात साल में हर क्षेत्र में व्यापक बदलाव हुए हैं. प्रदेश की कार्य संस्कृति में बदलाव स्पष्ट दिखाई देता है. देश में कैपिटल एक्सपेंडिचर के मामले में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है. अन्य राज्यों की तुलना उत्तर प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर सर्वाधिक बजट खर्च करता है.
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विकेटी/एबीएम