कांवड़ मार्गों में दुकानों पर नाम लिखने पर राजनीतिक दलों ने दी प्रतिक्रियाएं

लखनऊ, 19 जुलाई . कांवड़ मार्ग की दुकानों पर नेम प्लेट प्रदर्शित करने के सरकारी फरमान के बाद नई बहस छिड़ गई है. दुकानों के बाहर नाम प्रदर्शित करने के मामले में भाजपा के कुछ सहयोगी दल सरकार के साथ हैं, तो कुछ असहमत भी हैं.

भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी और सुभासपा सरकार के फैसले के पक्ष में हैं. जबकि, रालोद असहमत नजर आ रही है. निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने कहा कि हमारी पार्टी सरकार के इस निर्णय के साथ है. हर दुकानदार को अपने प्रोपाइटर का बोर्ड लगाना चाहिए. उससे उसका प्रचार होगा. किसी के साथ अगर कोई दुर्घटना हो जाए, तो कम से कम पता तो चलेगा.

राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उत्तर प्रदेश में दुकानदारों को अपनी दुकान पर अपना नाम और धर्म लिखने के लिए जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए. कांवड़ियों की सुरक्षा और रक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की है. जो भी दुकानदार का मन हो, लिखे या ना लिखे. अगर कोई फ्रॉड कर रहा है, तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया और योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सरकार में हैं, तो इस मुद्दे का समर्थन करते हैं. विपक्ष के बारे में उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.

पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि मुजफ्फरनगर से होकर जाने वाले कांवड़ यात्रा मार्ग पर हर साल लगभग 4 से 5 करोड़ कांवड़िया गुजरते हैं. इस मार्ग पर हर साल अस्थायी दुकानें लगती हैं. सभी कांवड़ियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से सभी दुकानों व इनके कर्मचारियों का सत्यापन होना आवश्यक है.

कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष अजय राय ने कहा कि सरकार का फैसला अव्यवहारिक है. वे समाज में भाईचारे की भावना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, लोगों के बीच दूरियां पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए.

विकेटी/एबीएम