बीजिंग, 18 जुलाई . संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि फू थ्सोंग ने बुधवार को फिलिस्तीन-इजराइल मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की खुली बहस में कहा कि ‘दो- राज्य समाधान’ लागू करना मध्य पूर्व मुद्दे को हल करने का एकमात्र संभव तरीका है.
फू थ्सोंग ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में, फिलिस्तीन और इजराइल के बीच स्थिति बार-बार उथल-पुथल वाली रही है, इसका मूल कारण यह है कि ‘दो- राज्य समाधान’ लागू नहीं किया गया है और फ़िलिस्तीनी लोगों के स्वतंत्र राज्य स्थापित करने के राष्ट्रीय अधिकार की गारंटी नहीं दी गई है. चीन स्वतंत्र राज्य का दर्जा प्राप्त करने और ‘फ़िलिस्तीनियों द्वारा फ़िलिस्तीन पर शासन करने’ में फ़िलिस्तीन का दृढ़ता से समर्थन करता है, और ‘दो-राज्य समाधान’ के कार्यान्वयन के लिए एक विशिष्ट समय सारिणी और रोड मैप तैयार करने के लिए एक बड़ा, अधिक आधिकारिक और अधिक प्रभावी अंतर्राष्ट्रीय शांति सम्मेलन बुलाने की वकालत करता है.
उन्होंने आगे कहा कि निर्दोष लोगों की जान बचाने के लिए तत्काल और स्थायी युद्धविराम एक आवश्यक शर्त है. जब अमेरिका ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव नम्बर 2735 को अपनाने पर जोर दिया, तो उसने बार-बार दावा किया कि इज़राइल ने युद्धविराम समझौते को स्वीकार कर लिया है. लेकिन, एक महीने से अधिक समय बीत चुका है, गाजा में इज़राइल के सैन्य अभियान अभी भी बढ़ रहे हैं. चीन ने इज़राइल से गाजा में सभी सैन्य अभियानों को तुरंत रोकने और गाजा के लोगों को सामूहिक सजा देने से रोकने का आग्रह किया.
फू थ्सोंग ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मानवीय आपदाओं को कम करने के लिए मानवीय पहुंच का विस्तार एक तत्काल आवश्यकता है. बड़े पैमाने पर मानवीय पहुंच का विस्तार करने के लिए भूमि परिवहन गलियारे सबसे प्रभावी तरीका हैं और उनकी भूमिका को प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है.
चीन ने इज़राइल से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने, गाजा की नाकाबंदी हटाने और सभी भूमि क्रॉसिंग खोलने का आग्रह किया. इससे गाजा में मानवीय आपूर्ति का तीव्र, सुरक्षित और बड़े पैमाने पर प्रवेश और गाजा के भीतर सुरक्षित और व्यवस्थित वितरण सुनिश्चित होगा, और संयुक्त राष्ट्र जैसे मानवीय एजेंसियों के साथ व्यापक सहयोग किया जाएगा.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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