नई दिल्ली, 18 जुलाई . दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी ने गुरुवार को दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रिंसिपलों के साथ संवाद किया. कालकाजी के वीर सावरकर सर्वोदय कन्या विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली सरकार और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों के 200 से अधिक प्रिंसिपलों ने भाग लिया.
प्रिंसिपलों ने बताया कि कैसे अनूठे तरीकों को अपनाते हुए उन्होंने अपने स्कूलों में बच्चों के अटेंडेंस को बढ़ाया, व्यक्तिगत रूप से ध्यान देते हुए बच्चों के रिजल्ट में सुधार किया, उनकी आदतों को बदलने का काम किया, टीचर्स को गाइड किया और स्कूल में सीखने-सिखाने का माहौल तैयार किया, पैरेंट्स को बच्चों की पढ़ाई में भागीदार बनाया.
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि प्रिंसिपल सिर्फ एडमिनिस्ट्रेटर नहीं, बल्कि स्कूल लीडर के रूप में जमीनी स्तर पर बच्चों के जीवन में असल बदलाव लाने का काम करते हैं. प्रिंसिपल होना एक बहुत ही चुनौती भरा कार्य है, लेकिन उनके काम और मेहनत की बदौलत हजारों बच्चों की जिंदगी संवरती है. किसी भी स्कूल में सबसे बड़े बदलाव लाने का काम वहां के प्रिंसिपल ही कर सकते हैं. दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रिंसिपलों पर अधिक ज़िम्मेदारी है, क्योंकि हमारे स्कूलों में आने वाले बच्चे शायद सबसे विषम परिस्थितियों से आते हैं और ज़्यादातर बच्चे फर्स्ट जनरेशन लर्नर होते हैं. उनके घर में उन्हें पढ़ाई को लेकर सपोर्ट करने वाला कोई नहीं है. ऐसे में उन्हें आगे बढ़ाना, उनके भविष्य को बेहतर दिशा देने की ज़िम्मेदारी हम सभी की हो जाती है.
उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में दिल्ली सरकार के स्कूलों ने लंबी दूरी तय की है. चाहे इंफ्रास्ट्रक्चर हो या पढ़ने-पढ़ाने का माहौल, हमारे स्कूलों में आए बदलाव से सभी परिचित हैं. ये सभी बदलाव हमारी टीम एजुकेशन की कड़ी मेहनत की बदौलत आया है और इसका परिणाम है कि आज दिल्ली सरकार के स्कूल देश के टॉप स्कूलों में उभरे हैं. अब हमारा टारगेट अपने स्कूलों को विश्व के टॉप स्कूलों में शामिल करने का होना चाहिए. इस टारगेट को पूरा करने के लिए सभी प्रिंसिपलों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके स्कूल में आने वाले हर बच्चे को क्वालिटी एजुकेशन मिले और स्कूल का हर बच्चा बेहतर प्रदर्शन करे.
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नए सत्र में यदि किसी स्कूल में शिक्षक की कमी है तो उसे तुरंत दूर किया जाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई को लेकर कोई भी समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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पीकेटी/एबीएम