डोडा में आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ जारी है इस गोलीबारी में जवान घायल हो गए. जिन्हें इलाज के लिए डोडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
डोडा, 18 जुलाई . सेना ने बुधवार रात में ही कास्तीगढ़ के जंगलों में आतंकियों की घेराबंदी शुरू कर दी थी. देर रात से ही मुठभेड़ शुरू हो गई थी.
बीते मंगलवार को आंतकियों संग सेना की मुठभेड़ हुई थी. जिसमें एक कैप्टन समेत सेना के 5 और एक जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान ने शहादत दी थी. सेना और आतंकियों के बीच जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के ऊपरी इलाकों में सोमवार देर रात से मुठभेड़ शुरू हुई थी, जो मंगलवार सुबह तक जारी रही.
डोडा एनकाउंटर के बाद सेना और पुलिस ने जम्मू में सुरक्षा-व्यवस्था को कड़ा कर दिया. साथ ही आतंकियों की तलाश में चेकिंग अभियान भी चलाया गया. दरअसल, डोडा जम्मू संभाग के घने जंगलों वाले पहाड़ी जिलों में से एक है, यहां आतंकवादी छुप कर वार करने की नीति अपना रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि जम्मू संभाग के पुंछ, राजौरी, रियासी, कठुआ, रामबन और डोडा जिले में बीते कुछ समय में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं. डोडा एनकाउंटर के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की थी. सेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री को जमीनी हालात और डोडा में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान से अवगत कराया.
वहीं, जम्मू में बढ़ती आतंकी घटनाओं को लेकर विपक्ष की ओर से भी केंद्र सरकार पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “पिछले 36 दिन में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों के मद्देनजर हमारी सुरक्षा रणनीति में सावधानीपूर्वक बदलाव की जरूरत है. मोदी सरकार ऐसे काम कर रही है जैसे सब कुछ सामान्य हो और कुछ भी नहीं बदला है. उन्हें पता होना चाहिए कि जम्मू क्षेत्र इन हमलों का खामियाजा तेजी से भुगत रहा है. हम झूठी शेखी बघारने, फर्जी बयानबाजी और शोर-शराबा करके अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकते.”
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एफएम/केआर