प्रयागराज महाकुंभ में एआई से लैस कैमरों का इस्तेमाल

प्रयागराज, 17 जुलाई . महाकुंभ-2025 के लिए इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरों की मदद से भीड़ पर नियंत्रण किया जाएगा. भीड़ के साथ-साथ एक स्थान पर भीड़ के घनत्व, घटना की रिपोर्टिंग और स्वच्छता व सुरक्षा की निगरानी भी की जा सकेगी. इसके लिए मेला प्राधिकरण पूरे मेला क्षेत्र में 2,300 सीसीटीवी कैमरों को स्थापित करने जा रहा है. इसमें 1,100 कैमरे पहले से ही मेला क्षेत्र में स्थापित किए जा चुके हैं. शेष कैमरों के लिए निविदा की प्रक्रिया जारी है.

महाकुंभ से पहले माघ मेला में भी मेला प्राधिकरण ने कैमरों के माध्यम से भीड़ की निगरानी, स्वच्छता और प्रदूषण की रोकथाम के लिए कदम उठाए जाएंगे. अधिकारियों के अनुसार महाकुंभ की निगरानी के लिए लगाए जाने वाले कैमरों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रयोग किया जाएगा. किसी रूट पर ज्यादा भीड़ होने पर कैमरा स्वयं इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को सूचना भेज देगा. यही नहीं कैमरा वैकल्पिक रास्ता भी बताएगा. ऐसे में निगरानी और प्रबंधन दोनों आसान हो जाएगा.

इसके अतिरिक्त यह कैमरे बताएंगे कि किसी एक प्रमुख स्थान पर एक ही समय में कहीं अत्यधिक भीड़ तो इकट्ठी नहीं हो गई है. ऐसा होने पर तुरंत सुरक्षा बलों की तैनाती की जा सकेगी, ताकि कोई अप्रिय घटना नहीं हो. यही नहीं, किसी तरह की घटना होने पर भी ये कैमरे तत्काल सूचना देंगे, जिससे तुरंत एक्टिव हुआ जा सकेगा. मेला प्राधिकरण से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जो आईसीसीसी से जुड़े हैं.

ऐसे में आईसीसीसी में शहर की सुरक्षा, यातायात आदि से संबंधित आंकड़े आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे. इसके अलावा कुंभ के पुराने आंकड़े भी आईसीसीसी में उपलब्ध हैं. इसके अलावा पूरे शहर में 80 वेरिएबल मैसेज डिस्प्ले (वीएमडी) भी लगाए जा रहे हैं. यह ट्रैफिक परिस्थितियों की रियल-टाइम जानकारी प्रदान करने में सक्षम होते हैं और वाहन चालकों को जाम, डायवर्ट की जानकारी प्रदान करते हैं. इसका उद्देश्य यातायात को सुचारू रूप से प्रबंधित करना है, ताकि वाहनों को जाम में फंसने से बचाया जा सके.

इसके अलावा थ्री व्यूइंग सेंटर भी स्थापित किए जा रहे हैं, जिनसे हर वक्त पूरे शहर पर नजर रखी जा सकेगी. वहीं, लोगों की समस्याओं के निदान के लिए 50 सीटों वाला कॉल सेंटर भी स्थापित किया जा रहा है. महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कुल 10 सेक्टर में डिजिटल ‘खोया पाया’ केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे. पूरे मेला क्षेत्र को स्थापित करने में आईटी का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है.

मेला क्षेत्र में विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने के लिए भूमि एवं सुविधा आवंटन हेतु सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में भटकना नहीं पड़े, इसके तहत नेविगेशन में आसानी के लिए गूगल मैप के साथ इंटीग्रेशन किया गया है. डिजिटल ‘खोया पाया’ केंद्र के जरिए सामान की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा रहा है.

विकेटी/एबीएम