अजमेर में दरगाह के बाहर ‘सर तन से जुदा’ नारा लगाने वाले आरोपी कोर्ट से बरी

अजमेर, 16 जुलाई . राजस्थान के अजमेर में दरगाह के बाहर ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाने वाले आरोपी कोर्ट से बरी हो गए हैं. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया.

अजमेर के बहुचर्चित सर तन से जुदा केस में कोर्ट 12 जुलाई को अपना फैसला सुनाने वाली थी, लेकिन मजिस्ट्रेट के अवकाश पर होने के बाद आज न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है. अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती समेत पांच आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में लंबे समय से सुनवाई चल रही थी. मामले में मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती सहित सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायालय में लाया गया, जहां आज अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश रितु मीणा ने फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती सहित अन्य सभी आरोपियों को बरी कर दिया.

आरोपियों के वकील अजय वर्मा ने बताया कि न्यायालय ने किसी भी साक्ष्य को नहीं माना. वहीं अपर लोक अभियोजक गुलाम नजमी फारूकी ने बताया कि मामले को लेकर पूरी कार्रवाई का अवलोकन करेंगे, उसके बाद वह उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे .

अपर लोक अभियोजक गुलाम नजमी फारूकी ने बताया कि 17 जून 2022 को अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के मुख्य निजाम गेट पर ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए गए थे. इस मामले में कांस्टेबल जयनारायण जाट ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमे उसने बताया था कि 17 जून को दोपहर 3 बजे उसकी ड्यूटी निजाम गेट पर थी. इसी दौरान कुछ खादिमों द्वारा गेट पर पूर्व निर्धारित मौन जुलूस की शर्तों का उल्लंघन करते हुए वहां भाषण दिया. इसके लिए रिक्शे पर लाउड स्पीकर लगाया.

कांस्टेबल ने रिपोर्ट में बताया कि इस दौरान 2500-3000 व्यक्तियों की भीड़ दरगाह के सामने थी. इसी दौरान भड़काऊ भाषण के साथ नारेबाजी की गई. ऐसे में धार्मिक स्थल से हिंसा के लिए भीड़ को उकसाने और हत्या की अपील करने पर मामला दर्ज किया गया था.

बता दें कि इस घटना के बाद 28 जून को उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड सामने आया था. इस हत्याकांड में भी आरोपियों ने भी वायरल वीडियो में सर तन से जुदा के नारे लगाए थे. उन्होंने टेलर कन्हैयालाल साहू की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी थी . इस हत्याकांड से पूरे देश में सनसनी फैल गई थी, हालांकि हत्यारों को पुलिस ने चंद घंटो में गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन इससे पहले उन्होंने इस हत्याकांड का लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था .

पुलिस ने इस मामले में अजमेर के रहने वाले आरोपियों ताजिम सिद्दीकी (31) पुत्र नईम खान, फखर जमाली (42) पुत्र सैयद मोहम्मद जुबेर जमाली, रियाज हसन दल (47) पुत्र हसन और मोईन खान (48) पुत्र स्व. शमशूदीन खान व नासिर खान (45) को गिरफ्तार किया था. इसके बाद फरार आरोपी गौहर चिश्ती व शरण देने वाला अहसानुल्लाह को पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया.

सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से 22 गवाह, 32 दस्तावेज और 20 आर्टिकल पेश किए गए. सभी की निगाहें इस फैसले पर टिकी थी. न्यायालय ने आज अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया .

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