बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र की महिलाओं को पानी ढोने की समस्या से मिला छुटकारा : सीआर पाटिल

लखनऊ, 15 जुलाई . जल जीवन मिशन की प्रगति की स्थिति पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने उत्तर प्रदेश की तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि हर घर में नल से पानी पहुंचाने की मुहिम को यूपी ने शानदार तरीके से अंजाम दिया है. अब बारी है लोगों को जागरूक करने की.

केंद्रीय मंत्री सोमवार को नई दिल्ली में यूपी में जल जीवन मिशन की प्रगति का जायजा ले रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को इस बात के लिए जागरूक किया जाना चाहिए कि पानी की एक-एक बूंद बेहद अनमोल है. इसका संरक्षण जरूरी है. उन्होंने यूपी को इसके लिए अलग से अभियान चलाने को कहा है.

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने प्रेजेंटेशन दिया. उन्होंने बताया कि कैसे तमाम चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए यूपी ने विंध्य और बुंदेलखंड के ज्यादातर घरों में पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं.

उन्होंने पूर्वांचल, पश्चिमी यूपी और राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी योजना की प्रगति का ब्योरा केंद्र सरकार के सामने रखा. केंद्रीय मंत्री ने इस पर यूपी की प्रगति की सराहना की.

उन्होंने कहा कि किसी ने सोचा तक नहीं था कि बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र की महिलाओं को पानी ढोने की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम ऐसा करने में कामयाब रहे हैं. यूपी सरकार ने अपने प्रेजेंटेशन में बताया कि हर घर नल से जल योजना में सोमवार तक 2 करोड़ 23 लाख 86 हजार 760 (84.19 फीसद) ग्रामीण परिवारों तक टैप कनेक्शन पहुंचा दिया गया है. इस योजना का 13 करोड़ 43 लाख 20 हजार 560 ग्रामीणों को सीधा लाभ मिला है. साल 2019 से पहले 5,16,221 ग्रामीण परिवारों को ही नल से जल मिल रहा था.

बैठक में केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल, यूपी सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री वी़ सोमन्ना व डॉ. राजभूषण चौधरी और यूपी सरकार के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव समेत अन्य लोग उपस्थित थे.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में जब मिशन की घोषणा हुई थी, तब केवल दो फीसद घरों में ही नल से जल उपलब्ध था. अब, 84 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंच रहा है, यह सराहनीय है. मैं प्रदेश सरकार और विभाग के अधिकारी को अभिनंदन देता हूं. किसी ने सोचा भी नहीं था कि बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र की महिलाओं को पानी ढोने की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा. देश अब विकसित भारत के संकल्प की दिशा में निरंतर नए कीर्तिमान बना रहा है.

विकेटी/एबीएम