पीसीबी ने खिलाड़ियों के केंद्रीय अनुबंध में किया बदलाव, वेतन में नहीं की कटौती

लाहौर, 15 जुलाई . पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने एक अहम फैसला लेते हुए खिलाड़ियों के केंद्रीय अनुबंध की अवधि तीन साल से घटाकर एक साल कर दी है. हालांकि, इस दौरान खिलाड़ियों के वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी. यह फैसला 15 जुलाई को बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में लिया गया.

बता दें कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम के टी20 वर्ल्ड कप 2024 में निराशाजनक प्रदर्शन किया था, और टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी, जिससे पाकिस्तानी फैंस काफी निराश हुए थे. इसके बावजूद सीनियर बोर्ड अधिकारियों की बैठक में खिलाड़ियों के वेतन में कटौती नहीं करने का फैसला किया गया.

पीसीबी के एक बयान के अनुसार, “केंद्रीय अनुबंध अब एक साल के लिए होंगे. खिलाड़ियों के प्रदर्शन और फिटनेस की हर साल समीक्षा की जाएगी. विभिन्न श्रेणियों में खिलाड़ियों को शामिल करने की प्रक्रिया को भी व्यवस्थित किया जाएगा.”

इसके अलावा, PCB ने यह भी अनिवार्य कर दिया है कि खिलाड़ियों की फिटनेस का हर तीन महीने में मूल्यांकन किया जाएगा. साथ ही घरेलू क्रिकेट में भाग लेने पर भी जोर दिया गया है.

मौजूदा ढांचे के अनुसार, कैटेगरी ए के खिलाड़ियों जैसे बाबर आजम, मोहम्मद रिजवान और शाहीन अफरीदी को हर महीने 45 लाख पीकेआर मिलते हैं. कैटेगरी बी के खिलाड़ियों, जिनमें शादाब खान, फखर जमान, हारिस रऊफ और नसीम शाह शामिल हैं, उन्हें हर महीने 30 लाख पीकेआर मिलते हैं. कैटेगरी सी और डी के खिलाड़ियों को 7 लाख 50 हजार रुपये से लेकर 15 लाख पीकेआर प्रति माह तक मिलते हैं.

पिछले अध्यक्ष जका अशरफ के नेतृत्व में खिलाड़ियों के वेतन में बढ़ोत्तरी की मांग के बाद, पीसीबी ने पिछले साल जुलाई 1, 2023 से लागू होने वाले तीन साल के केंद्रीय अनुबंध शुरू किए थे.

विदेशी लीग में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के लिए गैर-आपत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी करने के संबंध में, पीसीबी ने कहा कि एक तकनीकी प्रक्रिया स्थापित की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि केवल अनुपालन करने वाले खिलाड़ियों को ही एनओसी मिले.

पीसीबी के अध्यक्ष नजवी ने इस बात पर जोर दिया कि, खिलाड़ियों को प्रदर्शन और फिटनेस के आधार पर पदोन्नति दी जाएगी. अनुशासन पर कोई समझौता नहीं होगा, अनुशासनहीनता और गुटबाजी के प्रति कठोर नीति अपनाई जाएगी. अनुशासनहीन खिलाड़ियों के लिए कठोर नीति होगी. टीम के भीतर एकता और सहमति होनी चाहिए. गुटबाजी में शामिल खिलाड़ियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

ये फैसले ऐसे वक्त में आए हैं, जब पाकिस्तानी टीम विवादों से घिरी हुई है, खासकर इंग्लैंड दौरे के दौरान तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी और बल्लेबाजी कोच मोहम्मद यूसुफ के बीच विश्व कप से पहले इंग्लैंड दौरे पर बहस की खबरें सामने आई थीं.

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